नयी दिल्ली | जल प्रबंधन बोर्ड के गठन की मांग को लेकर अन्नाद्रमुक के सदस्यों के भारी हंगामे के कारण लोकसभा में आज 21वें दिन भी कोई काममाज नहीं हो सका और सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गयी।
सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे दोबारा जैसे ही शुरू हुई पहले से ही आसन के समीप मौजूद अन्नाद्रमुक के सदस्यों ने जोर-जोर से नारेबाजी शुरू कर दी। वे हाथों में तख्तियां लिये थे, जिन पर कावेरी प्रबंधन बोर्ड के गठन की मांग लिखी थी। वे ‘हमें न्याय चाहिये’ के नारे भी लगा रहे थे।
शोर-शराबे के बीच ही अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाये। इसके बाद उन्होंने सदन को बताया कि कांग्रेस के मलिकार्जुन खडगे, तेलुगुदेशम् पार्टी के थोटा नरसिम्हन, वाई.एस.आर. कांग्रेस के वाई.वी. सुब्बा रेड्डी, रिवॉल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के एन.के. प्रेमचंद्रन तथा कुछ अन्य सदस्यों से उन्हें अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस मिले हैं।
उन्होंने हंगामा कर रहे अन्नाद्रमुक के सदस्यों से सदन में व्यवस्था बनाने के लिए अपनी-अपनी सीटों पर जाने की अपील करते हुए कहा कि वह अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस के समर्थन में खड़े सदस्यों को गिन नहीं पा रही हैं, लेकिन अन्नाद्रमुक सदस्यों ने उनकी अपील को अनसुना कर दिया।
संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने हंगामे के बीच ही कहा कि सरकार अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा को तैयार है, लेकिन कांग्रेस सहित विभिन्न विपक्षी दल खुद ही चर्चा को लेकर गम्भीर नहीं हैं। उन्होंने कांग्रेस पर सदन में गतिरोध जारी रखने का आरोप भी लगाया। हंगामा न थमता देखकर अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले सुबह 11 बजे भी हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही एक मिनट के भीतर ही स्थगित करनी पड़ गयी थी।