नयी दिल्ली । खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने आज कहा कि देश में खाद्य प्रसंस्करण की सुविधा बढ़ाने के लिए आधारभूत सुविधाओं के विकास को प्राथमिकता दी जा रही है जिससे सालाना एक लाख करोड़ रुपये के फलों, सब्जियों और अनाजों को नष्ट होने से बचाया जा सके।
बादल ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि देश में 2008 में 42 मेगा फूड पार्क को मंजूरी दी गयी लेकिन 2014 तक केवल दो मेगा फूड पार्क तैयार हुए। मोदी सरकार के आने के बाद मेगाफूड पार्क के निर्माण में तेजी आयी और 2014 के बाद 13 मेगाफूड पार्क में कामकाज शुरू हो गया है। कुल 337 कोल्ड चेन को मंजूरी दी गयी है और इनमें से 87 तैयार हो गये हैं।
उन्होंने कहा कि आधारभूत सुविधाओं की कमी के कारण केवल 10 प्रतिशत फलों, सब्जियों एवं अनाजों का प्रसंस्करण हो पाता है। फसलों के तैयार होने के बाद परिवहन, भंडारण और कई अन्य सुविधाओं की कमी के कारण फल, सब्जी और अनाज नष्ट होते हैं। प्रधानमंत्री सम्पदा योजना के तहत अलग से राशि की व्यवस्था की गयी है।
बादल ने कहा कि उत्तर प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की भारी संभावना है और उसे तीन मेगा फूड पार्क आवंटित किया गया है। ये मेगाफूड पार्क नोएडा, मिर्जापुर और मथुरा में स्थापित किये जायेंगे। इसके अलावा उसे 21 कोल्ड चेन भी आवंटित किये गये हैं जिनमें से आठ तैयार हो गये हैं और 13 निर्माणाधीन हैं।
बिहार से मेगाफूड पार्क के लिए दो आवेदन किये गये थे लेकिन वे मानदंडों के अनुरूप नहीं थे। वहां चार कोल्ड चेन को मंजूरी दी गयी है। उन्होंने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग से लोगों को बड़े पैमाने पर रोजगार मिला है और इससे किसानों को आर्थिक लाभ हुआ है।