अजमेर। महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय अजमेर के वनस्पति विज्ञान विभाग व इंडियन बोटनिकल सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में प्रोफेसर सीएम गोविल मेमोरियल व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय गोरखपुर के पूर्व कुलपति प्रोफेसर पीसी त्रिवेदी ने मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि सफलता प्राप्त करने के लिए स्वयं को अज्ञानी बनाए रखते हुए ज्ञान अर्जन की भूख सदैव रखनी चाहिए! उन्होंने कहा कि मदस विश्वविद्यालय का हरा भरा परिसर वनस्पति विज्ञान के विद्यार्थियों व शोधार्थियों के अध्ययन अध्यापन के लिए उपयुक्त परिसर है, परंतु शिक्षकों की कमी के कारण विद्यार्थियों को उचित मार्गदर्शन नहीं मिल पा रहा है।
अध्यक्षीय उद्बोधन में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आरपी सिंह ने कहा कि राज्य सरकार से सहयोग से विश्वविद्यालय में शिक्षकों की कमी को शीघ्र ही दूर कर शोध कार्य को बढ़ावा दिया जाएगा।
मुख्यवक्ता महात्मा ज्योतिबा फुले विश्वविद्यालय रोहिल खंड बरेली के प्रोफेसर वीपी सिंह ने पावर पॉइंट के माध्यम से भारी धातु विषाक्तता एवं किलेटो द्वारा पादप निष्कर्षण पर व्याख्यान देते हुए कहा कि पादप पानी में उपस्थित अत्यंत विषैली धातुएं जैसे आर्सेनिक, मर्करी, लेड, कैडमियम आदी को अवशोषित कर विषैलेपन को कम करते हैं।
प्रोफेसर यूवी. लवानिया ने वेटीवर (खस-खास) घास का पारिस्थितिकी तंत्र में योगदान व पर्यावरण पुनर्भरण हेतु डिजाइनर पादप निर्माण विषय पर व्याख्यान दिया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय महाविद्यालय के शिक्षक व विद्यार्थी उपस्थित रहे। वनस्पति विज्ञान विभाग के विभाग अध्यक्ष एवं आयोजन सचिव प्रोफेसर अरविंद पारीक ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर मनीषा शर्मा ने किया।