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राहुल गांधी जैसे हिन्दू विरोधियों का मठ-मंदिरों में प्रवेश वर्जित करो - Sabguru News
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राहुल गांधी जैसे हिन्दू विरोधियों का मठ-मंदिरों में प्रवेश वर्जित करो

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राहुल गांधी जैसे हिन्दू विरोधियों का मठ-मंदिरों में प्रवेश वर्जित करो

आचार्य विष्णुगुप्त
राहुल गांधी अभी-अभी उज्जैन के महाकाल मंदिर में घुसा और दर्शन के नाम पर भरपूर मनोरंजन किया। राहुल गांधी के इस मनोरंजन खेल को न तो मूर्ख हिन्दू समझेंगे और न ही सेक्युलर हिन्दू समझेंगे, महाकाल जैसे मंदिरों के पुजारियों और मंदिर प्रबंधन समिति के सदस्य भी नहीं समझेंगे।

जिस तरह मक्का-मदीना में गैर मुसलमानों का प्रवेश वर्जित उसी तरह से मठ-मंदिरों में ईसाई और कसाइयों सहित सभी प्रकार के हिन्दू विरोधियों का प्रवेश वर्जित होना चाहिए। पूरी की तरह पूरे भारत में ऐसी व्यवस्था खड़ी होनी चाहिए।

राहुल गांधी कैसा हिन्दू है? इसका भी परीक्षण क्यों नहीं होना चाहिए। इसका भी एक प्रमाण देख लीजिए। इनके पिता हिन्दू नहीं थे। इनके दादा मुसलमान थे। राहुल गांधी के दादा का नाम फिरोज खान था। फिरोज खान का बेटा राजीव गांधी भी मुसलमान ही था, क्योंकि उसके पिता फिरोज खान का मजहब इस्लाम था।

राजीव गांधी को लेकर एक बहुत बड़ी घटना राजनीतिक चर्चा में रही है जो उनके हिन्दू नहीं होने का प्रमाण देती है। जम्मू-कश्मीर में एक सभा में फारूख अब्दुला ने राजीव गांधी के बारे संबोधन दिया था कि ये हिन्दू नेता हैं। राजीव गांधी ने तब फारूख अब्दुला के मंच से यह कहकर तहलका मचा दिया और लोगों को आश्चर्य में डाल दिया था कि वे किसी प्रकार से हिन्दू नही हैं।

राजीव गांधी के नाना जवाहरलाल नेहरू कहते थे कि वे हिन्दू नहीं बल्कि मुसलमानों के ज्यादा नजदीक हैं और उन्हें इस्लाम सर्वश्रेष्ठ धर्म लगता है। जवाहरलाल नेहरू के पिता मोतीलाल नेहरू के भी हिन्दू नहीं होने और उनके मुसलमान होने की चर्चा होती है, कहानियां राजनीति में तैरती रही हैं। नेहरू खानदान पर सिख गुरूओं की हत्या कराने और मुगलों की गुलामी करने के भी आरोप से संबंधित अनेक पंजाबी लोकउक्तियों में कहानियां हैं।

राहुल गांधी जैसे विधर्मियों को मठ-मंदिरों में प्रवेश वर्जित करने पर कैसा परिणाम निकलेगा, क्या इससे हिन्दुत्व संरक्षित होगा, क्या इससे भारत को कसाई और ईसाई देश में तब्दील होने से रोका जा सकता है? अगर ऐसा हुआ तो निश्चित तौर पर विधर्मी फिर हिन्दू धर्म के खिलाफ बोलना और प्रत्यक्ष हथकंडे अपनाना बंद कर देंगे, उन्हें हिन्दुओं की एकता का डर भी होगा।

क्या आपने मुस्लिम एकता के सामने लालू, अखिलेश और सोनिया गांधी के साथ ही साथ मृत इन्दिरा गांधी, मुलायम सिंह यादव, रामबिलास पासवान, करूणाकरण, करूणानिधि आदि को मुसलमानों के खिलाफ बोलने, मुसलमानों को आतंकवाद के प्रतीक बताने आदि का साहस करते हुए देखा था? क्या हिन्दू आतंकवाद का अफवाह उड़ाने वाली सोनिया, भाई-बहन प्रियंका और राहुल गांधी को मुस्लिम आतंकवाद शब्द का प्रयोग करने का साहस करते हुए सुना है?

राहुल गांधी जैसे विधर्मियों को न केवल हिन्दू मठ-मंदिरों में जान से वंचित किया जाए बल्कि इनकी मृत्यु के बाद भी इन्हें हिन्दू संस्कार से वंचित किया जाए। इसके लिए मठ मंदिरों के पुजारियों और प्रबंधन समितियों के साथ ही साथ हिन्दुओं की एकता का भी प्रदर्शन अनिवार्य है।