मुंबई। हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के तीव्र विरोध के चलते हलाल प्रमाणित वस्तुओं का प्रमोशन करने के लिए मुंबई में आयोजित किया हलाल शो इंडिया रद्द किए जाने की आयोजकों ने घोषणा की। यह संगठित हिन्दुओं द्वारा लोकतांत्रिक पद्धति से किए गए प्रतिकार की विजय है। यह तो केवल आरंभ है। देश में हलाल प्रमाणीकरण पद्धति के बंद होने तक हमारी यह लड़ाई चलती ही रहेगी।
‘हलाल अनिवार्यता विरोधी क्रियान्वयन समिति’ के समन्वयक सुनील घनवट ने यह प्रतिक्रिया व्यक्त की। समिति की इस सफलता के लिए घनवट ने सम्मिलित सभी संगठनों एवं कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त किया, साथ ही ईश्वर के चरणों में कृतज्ञता भी व्यक्त की।
मुंबई के मरीन लाइन्स स्थित इस्लामिक जिमखाना में 12 एवं 13 नवंबर को ब्लॉसम मिडिया की ओर से यह कार्यक्रम आयोजित किया जाने वाला था। हलाल प्रमाणपत्र के माध्यम से मिलने वाले पैसों का उपयोग आतंकवादी कृत्यों के लिए उपयोग किया जाएगा, यह बात ध्यान में आने पर हलाल अनिवार्यता विरोधी क्रियान्वयन समिति ने इस कार्यक्रम का तीव्र विरोध किया।
‘हलाल शो इंडिया’ कार्यक्रम रद्द हो, इसके लिए ‘हलाल अनिवार्यता विरोधी क्रियान्वयन समिति’ की ओर से मुंबई, ठाणे एवं रायगढ़ जैसे विभिन्न स्थानों पर आंदोलन किए गए, साथ ही बैठकें भी ली गईं। समस्त हिन्दुत्वनिष्ठों एवं राष्ट्रप्रेमी नागरिकों ने चेतावनी दी कि, यदि इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया, तो सडक पर उतरकर इसका तीव्र विरोध करेंगे।
इसके लिए ‘हलाल अनिवार्यता विरोधी क्रियान्वयन समिति’ के शिष्टमंडल ने मुंबई के पुलिस सह आयुक्त विश्वास नांगरे-पाटील एवं विशेष पुलिस शाखा के उपायुक्त डॉ. शिवाजी पाटिल से भेंट की। इस अवसर पर समिति ने मुंबई पुलिस आयुक्त को ज्ञापन प्रस्तुत कर उसमें हलाल प्रमाणपत्र से मिलने वाले पैसों का कहां-कहां उपयोग किया जाता है, इसकी व्यापक जांच करने की भी मांग की है।
अमरीका, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस आदि देशों में हलाल प्रमाणपत्र एवं हलाल प्रमाणित वस्तुओं की बिक्री से मिलने वाले पैसों का उपयोग आतंकवादी गतिविधियों के लिए उपयोग किए जाने की बात उजागर हुई है। उसी तरह भारत में भी हलाल प्रमाणपत्र प्रदान करने वाले जमियत उलेमा-ए-हिन्द हलाल ट्रस्ट मुंबई के 26/11 का आक्रमण, जव्हेरी बजार में किए गए श्रृंखलाबद्ध बम विस्फोट, देहली की जामा मस्जिद में हुए बम विस्फोट, पुणे के जर्मन बेकरी में किए गए बम विस्फोट, वर्ष 2006 का मालेगांव बम विस्फोट, अहमदाबाद बम विस्फोट आदि अनेक आतंकी गतिविधियों में संलिप्त आरोपियों की कानूनी सहायता कर रहा है, यह उजागर हो चुका है।
इसमें लश्कर-ए-तय्यबा, इंडियन मुजाहिदीन, इस्लामिक स्टेट जैसे विभिन्न आतंकवादी संगठनों से संबंधित लगभग 700 संदिग्ध आरोपियों के अभियोगों के लिए आर्थिक सहायता की जाती है। भारत में खाद्य पदार्थों को प्रमाणपत्र देने के लिए केंद्र सरकार की संस्थाएं FSSAI एवं FDA अर्थात राज्य के ‘अन्न एवं औषधि प्रशासन’ जैसे विभाग होते हुए भी हिन्दुबहुल भारत में अलग से हलाल प्रमाणपत्र की अनिवार्यता किस लिए है? इसलिए हलाल अनिवार्यता विरोधी क्रियान्वयन समिति की ओर से सुनील घनवट ने यह मांग की है कि पुलिस प्रशासन इस प्रकार के ‘हलाल उत्पादों’ का महिमा मंडन करने वाले कार्यक्रमों को अनुमति ही न दें।