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Protests started in Congress and NCP in Uddhav Thackeray government - Sabguru News
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उद्धव ठाकरे सरकार में कांग्रेस और एनसीपी के उठने लगे विरोध के स्वर

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उद्धव ठाकरे सरकार में कांग्रेस और एनसीपी के उठने लगे विरोध के स्वर
Protests started in Congress and NCP in Uddhav Thackeray government
Protests started in Congress and NCP in Uddhav Thackeray government
Protests started in Congress and NCP in Uddhav Thackeray government

जयपुर। महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार का दूसरा मंत्रिमंडल विस्तार 30 दिसंबर को हुआ था। उसके 24 घंटे बाद ही यानी आज ही उद्धव ठाकरे सरकार के विरोध में एनसीपी और कांग्रेस विधायकों के विरोधी स्वर सड़कों पर आ गए । हालांकि शपथ ग्रहण के दौरान भी कई नेताओं में नाराजगी देखी गई थी। शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत के विधायक भाई को भी मंत्री ने बनाए जाने से नाराजगी देखी गई। उद्धव ठाकरे के कैबिनेट मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कांग्रेस का एक गुट इस कदर नाराज है कि वह अब अपने नेता सोनिया गांधी से मुलाकात करने जा रहा है। वहीं एनसीपी के विधायक भी बगावत का एलान कर चुके हैं। आइए आपको सिलसिलेवार बताते हैं क्या है घटनाक्रम महाराष्ट्र के मंत्रिमंडल विस्तार के बाद।

उद्धव ठाकरे सरकार से कांग्रेस के ये वरिष्ठ नेता हैं नाराज—-
महाराष्ट्र में सोमवार को हुए मंत्रिमंडल विस्तार से कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का एक गुट मंत्रिमंडल के स्वरूप से नाराज हो गया है। प्रणीति सुशील शिंदे, नसीम खान, अमीन पटेल, संग्राम थोपटे जैसे नेताओं ने राज्य कमेटी के सामने नाराज़गी जताई है। नेताओ का आरोप है कि मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोनिया गांधी को गुमराह किया है। नाराज नेताओं का गुट सोनिया गांधी से मुलाकात कर पूरी मामले की जानकारी देगा। नाराज नेताओ का आरोप है कि चुनाव के पहले पार्टी विरोधी काम करने वालो को तरज़ीह दी गई। कांग्रेस वफादारों को किनारे किया गया। कांग्रेस नेताओं की नाराजगी कहीं ऐसा न हो आने वाले दिनों में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के लिए भारी पड़ जाए।

एनसीपी विधायक प्रकाश सोलंके ने किया इस्तीफे का एलान—
सोमवार को हुए कैबिनेट विस्तार में एनसीपी के चार बार के विधायक प्रकाश सोलंके को जगह नहीं मिल सकी। सोलंके ने विधायकी से इस्तीफा देने के साथ-साथ राजनीति से भी संन्यास लेने का ऐलान कर दिया है। महाराष्ट्र के बीड जिले के मजलगांव सीट से एनसीपी विधायक प्रकाश सोलंके ने कहा कि वह राजनीति करने के लिए अयोग्य हैं। इसीलिए उन्होंने विधायक ही नहीं बल्कि राजनीति भी छोड़ने का फैसला किया है। हालांकि उन्‍होंने स्‍पष्‍ट किया कि उनके इस्‍तीफे का कैबिनेट विस्‍तार से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसी राजनीतिक परिस्थिति बनी है कि अब हम जैसे लोगों के लिए सियासत में कोई जगह नहीं बची है। दूसरी ओर नाराज एनसीपी विधायक प्रकाश सोलंके को पार्टी नेता मनाने में जुट गए गए हैं। एनसीपी नेता प्रकाश सोलंके मुंबई में एनसीपी कार्यलय पहुंचे हैं, जहां उन्हें मनाने में मंत्री धनंजय मुंडे लगे हुए हैं।

आदित्य ठाकरे ने बिगाड़ा खेल—
मंत्रियों की लिस्ट में ऐन वक्त पर नाम उभर आया आदित्य ठाकरे का जिसने सभी को चौंका दिया। आदित्य ठाकरे ने भी कैबिनेट मंत्री की शपथ ली है। उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा था और मध्य मुंबई के वर्ली इलाके से विधायक चुने गए हैं आदित्य ठाकरे युवा सेना के प्रमुख भी हैं। आदित्य ठाकरे तो मंत्री बनाए जाने से खुश नजर आये लेकिन मंत्री बनने के सपने देख रहे सुनील राउत नाराज़ हो गए। सुनील राउत शिवसेना सांसद संजय राउत के भाई हैं। मंत्री न बनाए जाने पर उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा देने की धमकी दे डाली थी।

कल हुआ था कैबिनेट विस्तार—-
बता दें कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार को 26 कैबिनेट मंत्री और 10 राज्य मंत्री शामिल करते हुए अपने कैबिनेट का विस्तार किया। 36 मंत्रियों में एनसीपी के 14, शिवसेना के 12 और कांग्रेस के 10 मंत्री शामिल हैं | एनसीपी नेता अजित पवार ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। आदित्य ठाकरे ने भी मंत्री पद की शपथ ली। अजित पवार के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के साथ ही उनके सियासी करियर को लेकर चल रहे तमाम कयास भी खत्म हो गए हैं | ये वही अजित पवार हैं जिन्होंने बीते 23 नवंबर की सुबह बिना पार्टी की अनुमति के देवेंद्र फडनवीस के साथ उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली थी। 4 दिनों बाद एनसीपी विधायकों का साथ न मिलने की वजह से उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था।

मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कई दिनों से चला आ रहा था विवाद—
पहले माना जा रहा था कि मंत्रिमंडल का विस्तार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले होगा लेकिन वो हो नहीं सका। उसके बाद 23 दिसंबर को शपथ विधि की तारीख मुकर्रर की गई लेकिन तब भी मंत्रिमंडल का विस्तार टल गया। दरअसल, मंत्रिमंडल विस्तार के लिए तारीख पर तारीख कांग्रेस की वजह से पड़ रही थी। कांग्रेस के कोटे से कौन मंत्री होगा इसको लेकर पार्टी में विवाद चल रहा था और नाम तय नहीं हो पा रहे थे। आखिर में कांग्रेस आलाकमान ने नामों की लिस्ट फाइनल करके उद्धव ठाकरे को सौंपी थी।

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार