भोपाल। मध्यप्रदेश में पिछले दस दिनों से चले आ रहे राजनैतिक घटनाक्रमों के बीच आज रात राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखकर निर्देश दिए कि वे 16 मार्च को प्रारंभ हो रहे बजट सत्र के पहले ही दिन उनके (राज्यपाल के) अभिभाषण के बाद सदन में बहुमत साबित करें।
राज्यपाल ने शनिवार देर रात दाे पेज का पत्र कमलनाथ को लिखा है, जिसमें घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा है। राज्यपाल ने लिखा है कि मुझे प्रथम दृष्टया विश्वास हो गया है कि आपकी सरकार ने सदन का विश्वास खो दिया है और आपकी सरकार अल्पमत में है। यह स्थिति अत्यंत गंभीर है, इसलिए संवैधानिक रूप से अनिवार्य एवं प्रजातांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए आवश्यक हो गया है कि 16 मार्च 2020 को मेरे अभिभाषण के तत्काल पश्चात आप विधानसभा में विश्वासमत हासिल करें।
इस निर्देश के साथ ही माना जा रहा है कि सोमवार को चौदह माह पुरानी अभूतपूर्व संकट के दौर से गुजर रही कमलनाथ सरकार का भविष्य भी तय हो जाएगा। राज्यपाल ने लिखा है कि विधानसभा का सत्र 16 मार्च सोमवार को सुबह ग्यारह बजे प्रारंभ होगा। मेरे (राज्यपाल) अभिभाषण के तत्काल बाद एकमात्र कार्य विश्वास प्रस्ताव पर मतदान होगा।
उन्होंने निर्देश दिए हैं कि विश्वास मत पर मतदान बटन दबाकर ही होगा और अन्य किसी तरीके से नहीं किया जाएगा। विश्वास मत की संपूर्ण प्रक्रिया की वीडियोग्राफी विधानसभा द्वारा स्वतंत्र व्यक्तियों से कराई जाएगी। राज्यपाल ने साफ शब्दों में लिखा है कि यह कार्यवाही हर हाल में 16 मार्च को प्रारंभ होगी और स्थगित, विलंबित या निलंबित नहीं की जाएगी।
राज्यपाल ने लिखा है कि संविधान के अनुच्छेद 174 सहपठित 175(2) एवं मुझमें निहित अन्य संवैधानिक शक्तियों का प्रयोग करते वे यह सब निर्देश दे रहे हैं। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को लिखे इस पत्र की प्रतिलिपि विधानसभा अध्यक्ष और विधानसभा के प्रमुख सचिव को भी भेजी है।
राज्यपाल ने पत्र की शुरूआत में लिखा है कि मुझे सूचना प्राप्त हुई है कि मध्यप्रदेश विधानसभा के 22 विधायकों द्वारा अपना त्यागपत्र विधानसभा अध्यक्ष को प्रेषित किया है। इन विधायकों ने अपने पद त्याग करने की जानकारी इलेक्ट्रानिक और प्रिंट मीडिया दोनों माध्यमों से भी दी है। मैंने इस बावत मीडिया कवरेज को ध्यान से देखा है।
उन्होंने लिखा है कि मुझे भी इन 22 विधायकों ने अपने पृथक पृथक पत्र 10 मार्च द्वारा त्यागपत्र भेजे हैं और इन्ही विधायकों द्वारा अपने पृथक पृथक पत्र 13 मार्च द्वारा विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष प्रस्तुत होने के दौरान सुरक्षा प्रदान करने का अनुरोध किया गया है। 22 में से 6 विधायक, जो आपकी सरकार में मंत्री थे, जिन्हें आपकी अनुशंसा पर मंत्री पद से हटाया गया था, उनका विधानसभा अध्यक्ष द्वारा त्यागपत्र भी आज स्वीकार कर लिया गया है।
टंडन ने लिखा है कि आपने भी स्वयं अपने पत्र 13 मार्च द्वारा विश्वासमत हासिल करने की सहमति दी है एवं मुझे विधानसभा के मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी से भी एक ज्ञापन प्राप्त हुआ है, जिसमें उन्होंने उक्त परिस्थितियों का उल्लेख किया है। उन्होंने यह भी बताया है कि राज्य सरकार द्वारा त्यागपत्र देने वाले एवं अन्य सदस्यों पर अवांछित दबाव बनाया जा रहा है। राज्यपाल ने इन घटनाओं के मद्देनजर 16 मार्च को बहुमत साबित करने के निर्देश दिए हैं।
राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को लिखे इस पत्र की प्रतिलिपि विधानसभा अध्यक्ष और विधानसभा के प्रमुख सचिव को भी भेजी है।