भोपाल । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि रिहायशी क्षेत्रों स्थित नर्सिंग होम हटाये नहीं जाएंगे और भविष्य में मास्टर प्लान में नर्सिंग होम के लिये रिहायशी क्षेत्रों में जगह सुरक्षित रखने के संबंध में प्रावधान किये जायेंगे।
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक चौहान कल चिकित्सकों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। सम्मेलन में 14 मेडिकल एसोसिएेशन के प्रतिनिधि, शासकीय एवं निजी मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टर शामिल हुए।
चौहान ने कहा कि चिकित्सा विद्यार्थियों की स्कॉलरशिप बढ़ाने के संबंध में अगली केबिनेट में निर्णय लिया जायेगा। नर्सिंग होम्स को अब केवल बीस दिन के अंदर फॉयर एनओसी मिल जायेगी। इसे लोक सेवा गारंटी कानून में लाया जायेगा। उन्होंने कहा कि नर्सिंग होम के लिये एनएबीएच की अनिवार्यता दो साल तक समाप्त की जा रही है। नर्सिंग होम में मरीज की मृत्यु पर बिना जाँच के धारा 304 नहीं लगाने के संबंध में एक समिति बनायी गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वास्थ्य के क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी आयुष्मान भारत योजना को क्रियान्वित करने में शासकीय और निजी चिकित्सा मेडिकल स्टॉफ का योगदान एवं सहयोग महत्वपूर्ण होगा। इस योजना में संबल योजना के लाभान्वित परिवारों को भी जोड़ा गया है। चौहान ने कहा कि प्रदेश में डॉक्टरों की कमी पूरी करने और स्वास्थ्य अधोसंरचना को मजबूत बनाने के लिये मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं।