श्रीहरिकोटा। भारत के धुव्रीय उपग्रह प्रक्षेपण वाहन सी 43 ने आज सुबह 380 किलोग्राम वजनी हाइपर स्पैक्ट्रल इमेजिंग सेटलाइट और आठ अन्य देशों के 30 सेटलाइट्स के साथ सफलतापूर्वक यहां श्रीहरिकोटा रेंज से उड़ान भरी। यह प्रक्षेपण 9:58 बजे हुआ।
अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत स्वेदश में बने इस प्रक्षेपण वाहन राकेट ने भंयकर गर्जना करते हुए उड़ान भरी और कुछ ही पलों में आकाश का सीना चीरते हुए अपनी मंजिल की तरफ बढ़ गया। आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से यह प्रक्षेपण किया गया।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अनुसार, इसकी उल्टी गिनती बुधवार सुबह 5.58 बजे शुरू हुई। इमेजिंग सेटलाइट पृथ्वी की निगरानी के लिए है और इसका विकास इसरो द्वारा विकसित किया गया है। यह पीएसएलवी-सी43 मिशन का प्रथम उपग्रह है।
इस उपग्रह ने उड़ान भरने के 17 मिनट बाद ही हाइपर इमेजिंग सेटलाइट को उसकी निर्धारित कक्षा में स्थापित कर दिया। यह कक्षा पृथ्वी की सतह से 636 किलोमीटर की ऊंचाई पर है और इसे पोलर सन सिनक्रोनस आरॅबिट कहा जाता है जिसका भूमध्यरेखा से झुकाव 97.957 डिग्री है।
इसके अपनी कक्षा में स्थापित होते ही नियंत्रण कक्ष में बैठे भारतय वैज्ञानिकों की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा और इसरो अध्यक्ष डां के शिवन ने वहां मौजूद सभी वैज्ञानिकों को बधाई दी।
इस अभियान में प्रक्षेपण वाहन का चौथे चरण का इंजन बंद हो जाएगा और इसके बाद यह अपने आप शुरू होकर 642 किलोमीटर की ऊंचाई से नीचे 504 किलोमीटर पर आएगा और इन 30 सेटलाइट्स को निचली कक्षा में स्थापित कर देगा।
इन 30 सेटलाइट्स में 23 सेटेलाइट अमरीका के हैं और बाकी कोलंबिया, फिनलैंड, मलेशिया, नीदरलैंड आस्ट्रेलिया, कनाडा, और स्पेन के हैं। इसरो की वाणिज्यिक शाखा एंट्रिक्स कॉरपोरेशन लिमिटेड के माध्यम से प्रक्षेपण के लिए इनके लिए वाणिज्यिक करार किया है।
हाइपर स्पेक्ट्रल इमेजिंग सेटेलाइट अपनी कक्षा में पांच साल तक रहेगा। इसरो के मुताबिक हाइपर स्पैक्ट्रल में उन्नत कैमरे( इमेजर) लगे हैं और यह सामान्य प्रकाश तथा इंफ्रारेड तथा शार्ट वेव इंफ्रारेड बैंड़स में तस्वीरें लेने में सक्षम है। इसमें लगे मल्टी स्पैक्ट्रल सेंसरों की मदद से वैश्विक कवरेज हो सकेगी और इससे प्राप्त आंकडों का इस्तेमाल विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जा सकेगा।
इससे कृषि, वानिकी, भौगोलिक पर्यावरण, तटीय क्षेत्रों और अंतर्देशीय जल क्षेत्रों में महत्वपूर्ण जानकारी जुटाई जा सकेगी। पीएसएलवी की इस वर्ष यह छठी उड़ान है।