श्रीहरिकोटा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने गुरुवार को एक बार फिर से इतिहास रचते हुए संचार उपग्रह सीएमएस-01 के साथ ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान पीएसएलवी-सी50 का सफल प्रक्षेपण किया तथा उपग्रह को सफलतापूर्वक पृथ्वी की कक्षा (जेटीओ) में स्थापित किया।
पीएसएलवी-सी50 ने 25 घंटों तक चली उल्टी गिनती के बाद आज अपराह्न 03:41 बजे श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के शार रेंज के दूसरे लांच पैड से उड़ान भरी।
इसरो के निदेशक डॉ. के शिवन और मिशन नियंत्रण केंद्र के अन्य वैज्ञानिकों की मौजूदगी में चार-चरणों वाले 44.4 मीटर लंबे प्रक्षेपण यान ने शानदार तरीके से उड़ान भरी। इस दौरान सभी वैज्ञानिक अपनी सांसे थामे प्रक्षेपण की पूरी प्रक्रिया पर नजर रखे रहे।
उड़ान भरने के लगभग 20 मिनट बाद, सीएमएस -01 को सभी चार चरणों के प्रज्वलन और पृथक्करण के बाद पृथ्वी की कक्षा (जीटीओ) में स्थापित कर दिया गया।
इसरो अध्यक्ष डा. शिवन ने मिशन कंट्रोल सेंटर के वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे यह घोषणा करते हुए बेहद खुशी हो रही है कि पीएसएलवी-सी 50 ने पूर्व निर्धारित जीटीओ कक्षा में सीएमएस -01 को सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया है। उन्होंने कहा कि उपग्रह बहुत अच्छा काम कर रहा है और अगले चार दिनों में यह जीटीओ में विशिष्ट स्थान पर स्थापित हो जाएगा।
डा. शिवन ने कहा कि इसके बाद यह उपग्रह 11 साल पहले लॉन्च किए गए जीसैट उपग्रह की निरंतरता के रूप में कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि मुझे यकीन है कि यह उपग्रह योजना के अनुसार सभी कार्य करेगा।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान हमारी लांच वाहन एवं उपग्रह टीमों ने न्यूनतम संख्या एवं अथक परिक्षम के जरिये बहुत अच्छी तरह से और सुरक्षित रूप से इस पूरे प्रोजेक्ट में काम किया तथा इसे सफलतापूर्वक अंजाम दिया।
सात वर्षाें के मिशन वाला सीएमएस-01 इसरो का 42वां संचार उपग्रह है और यह कम्युनिकेशन सैटेलाइट फ्रीक्वेंसी स्पेक्ट्रम के एक्सटेंडेड सी बैंड में सेवा उपलब्ध कराएगा। इसके दायरे में भारत की मुख्य भूमि अंडमान निकोबार और लक्षद्वीप द्वीपसमूह होंगे।
यह श्रीहरिकोटा के स्पेसपोर्ट से इसरो का 77 वाँ लांच मिशन है जबकि पीएसएलवी की 52 वीं उड़ान है। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण इस वर्ष इसरो के कई लांच मिशन प्रभावित हुए।
गौरतलब है कि इस वर्ष इसरो का यह दूसरा अभियान था। इससे पहले गत सात नवंबर को इसरो ने श्रीहरिकोटा से ईओएस-01 और नौ अंतरराष्ट्रीय उपग्रहों को पीएसएलवी के जरिये सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया था।