अहमदाबाद। गुजरात हाई कोर्ट ने राज्य के कई जिलों में पुलिस की ओर से प्रतिबंधित ऑनलाइन गेम पबजी पर से प्रतिबंध हटाने तथा इस मामले में गिरफ्तार युवाओं पर से मामला हटाने की मांग को लेकर दिल्ली आधारित संगठन इंटरनेट फ्रीडम फाउंडेशन की ओर से दायर जनहित याचिका को आज खारिज कर दिया।
कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश एएस दवे तथा न्यायमूर्ति बीरेन वैष्णव की अदालत ने इसे जनहित का मामला मानने से इंकार करते हुए अर्जी को खारिज कर दिया। अदालत ने हालांकि पबजी खेलने के लिए गिरफ्तार युवाओं को स्वयं अदालत का दरवाजा खटखटाने की छूट दी।
युवाओं पर युद्ध संबंधी खेल प्लेयर्स अननोन्स बैटलग्राउंड यानी पबजी गेम के बुरे असर के कारण इस पर प्रतिबंध के संबंध में गुजरात के गृह विभाग ने पिछले माह एक पत्र जारी किया था जिसके आधार पर अहमदाबाद समेत कई स्थानों पर पुलिस ने इसे प्रतिबंधित कर दिया था।
उक्त संगठन ने गत चार अप्रेल को दायर अपनी जनहित याचिका में कहा कि इसने मीडिया रिपोर्टों में पबजी गेम खेलते हुए गुजरात में 21 लोगों जिनमें से अधिकतर युवा छात्र हैं की गिरफ्तारी की बात सुनी थी। इससे उनके भविष्य जैसे की विदेश यात्रा, वीजा लेने आदि में मुश्किलें पेश आ सकती हैं। संगठन ने कहा कि इनमें कई ऐसे युवा है जो स्वयं अपने मामले में अदालत जाकर न्याय की गुहार लगा पाने में सक्षम नहीं हैं।
हालांकि अदालत ने इस याचिका को खारिज कर दिया। संगठन ने कहा है कि इस मामले में यह कानूनी सलाह के बाद अगला कदम उठाएगा। ज्ञातव्य है कि अब पुलिस ने अहमदाबाद और कई अन्य स्थानों पर यह प्रतिबंध हटा लिया है हालांकि राजकोट तथा कुछ अन्य जगहों पर यह 30 अप्रेल तक लागू है।