लखनऊ । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिये गुरूवार को पेश किये गये बजट को लोक कल्याणकारी बताते हुये कहा कि सरकार की मंशा राज्य के विकास के साथ साथ गरीब तबके के चेहरे में खुशहाली लाना है जिसे पूरा करने में बजट प्रस्ताव मददगार साबित होंगे।
विधानसभा के तिलक हाल में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में योगी ने कहा “ हमारा विश्वास है कि बजट के अंदर लोकलुभावन की बजाय लोककल्याणी योजनाये सामने आनी चाहिये जो सही मायने में एक गरीब को उसका वाजिब हक दिला सके। एक गरीब को आवास,सम्मानजनक जीवन जीने के लिये बुनियादी सुविधायें, रसोई गैस का सिलिंडर, विद्युत कनेक्शन,शौचालय,बेहतर स्वास्थ्य सुविधायें,शिक्षा,सस्ता खाद्यान्न और रोजगार की जरूरत है। यह बजट इन सभी चीजों का प्रतिनिधित्व करता है। हर एक चेहरे पर मुस्कान लाने के लिये यह बजट सक्षम है। ”
उन्होने कहा कि घोषणा करने से गरीब का कल्याण नहीं होगा बल्कि ईमानादारी से उसका क्रियान्वयन जरूरी है। हर लघु और सीमान्त किसान को छह हजार रूपये सालाना दिलाने, मजदूर समेत अन्य गरीब तबकों के लिये तीन हजार रूपये सालाना पेंशन समेत अन्य सरकारी योजनाओ के सफल क्रियान्वयन के अलावा बुनियादी ढांचे के विकास के लिये सरकार कटिबद्ध है।
कानून व्यवस्था को मजबूती प्रदान करने का संकल्प दोहराते हुये श्री योगी ने कहा कि पहली बार बजट में पुलिस के अवस्थापना और आधुनिकीकरण में विशेष फोकस देते हुये 42़ 24 प्रतिशत की वृद्धि की गयी है। इसके लिये अतिरिक्त व्यवस्था की गयी है। इसी प्रकार कारागार विभाग में भी 5़ 6 फीसदी की वृद्धि की गयी है।
योगी ने कहा कि इस साल सरकार पर फसल ऋण माफी का कोई भार नही है। इसके बावजूद कृषि विभाग के बजट में 14़ 34 फीसदी की वृद्धि की गयी है वहीं डेयरी और पशुधन को बढावा देने के लिये बजट में पिछली बार की तुलना में 21़ 62 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव है। जल संरक्षण के लिये बजट में 40 फीसदी की वृद्धि की गयी है।
उन्होने कहा कि ग्राम पंचायतों के माध्यम से गांव को विकास की मुख्य धारा के जोड़ने का काम बजट में किया गया है। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत पिछले पौने दो साल में उत्तर प्रदेश में दो करोड 49 लाख शौचालयो का निर्माण हुआ। यह शौचालय 2011 के बेस लाइन सर्वे से प्राप्त आंकडो के आधार पर मुहैया कराये गये थे लेकिन इसके बाद यह देखा गया कि सर्व से बाहर भी 44 लाख ऐसे परिवार थे जिनके पास शौचालय नहीं थे। सरकार ने इसे ध्यान में रखते हुये बजट में छह हजार करोड़ रूपये की व्यवस्था की है ताकि नारी गरिमा के साथ साथ आम जन के जीवन में भी सुधार लाया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण विकास के क्षेत्र में सरकार ने बजट में विशेष तवज्जो दी है। राजस्व ग्राम के रूप में मान्यता नहीं मिलने वाले गांवो के लिये मुख्यमंत्री आवास योजना अमल में लायी गयी है। वनटंगिया,मुसहर,थारू और कोल जनजाति बाहुल्य गांवों में विशेषकर मुख्यमंत्री आवास योजना को अमल में लाने के लिये बजट में इंतजाम किया गया है।
उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना में उत्तर प्रदेश में खासी प्रगति की है। उत्तर प्रदेश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में 30 लाख गरीब परिवारों को आवास मुहैया कराये जा चुके हैं। इस योजना के क्रियान्वयन के लिये बजट में इंतजाम किया है जिसके तहत हर गरीब को आवास के लिये एक लाख 20 हजार रूपये , 12 हजार रूपये शौचालय के लिये देने के अलावा 90 दिन की मनरेगा की मजदूरी उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान है।
योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहरी क्षेत्र में आवास के लिये ढाई लाख रूपये देने का प्रावधान है। चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में भी राज्य ने पिछले पौने दो वर्षो में लंबी छलांग लगायी है। वर्ष 2016 तक प्रदेश में मात्र 13 मेडिकल कालेज थे। वर्ष 2016 में केन्द्र सरकार ने पांच मेडिकल कालेजों को मंजूरी दी थी जबकि हाल ही में 15 नये मेडिकल कालेजों के अलावा दो एम्स के निर्माण का कार्य शुरू किया गया है।
उन्होने कहा कि एम्स के लिये राज्य सरकार भूमि के अलावा अन्य बुनियादी सुविधाये उपलब्ध कराती है जबकि निर्माण कार्य में खर्च केन्द्र को वहन करना होता है। इस साल जिन पांच नये मेडिकल कालेज प्रवेश के साथ जुड़ेंगे, उनके लिये भी बजट में प्रावधान किया गया है। स्वास्थ्य विभाग के कार्यो के लिये 13 फीसदी से ज्यादा की बढोत्तरी बजट में की गयी है।
नगरीय क्षेत्रों मे बुनियादी सुविधाआे के विकास के लिये 20़ 54 प्रतिशत की बढोत्तरी बजट में की गयी है। शिक्षा विभाग के बजट में भी 7़ 16 फीसदी की बढोत्तरी की गयी है वहीं महिला एवं बाल विकास विभाग के बजट में 23़ 23 फीसदी की वृद्धि की गयी है। समाज कल्याण विभाग के बजट में कई गुना की बढोत्तरी हुयी है। वर्ष 2015-16 में 21 लाख अनुसूचित जाति/जनजाति के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति दी जाती थी जबकि 2016-17 मे किसी भी छात्र छात्रा को छात्रवृत्ति नही दी गयी।
भाजपा सरकार ने सत्ता संभालने के बाद अनुसूचित जाति/जनजाति के 25 लाख विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति देने के साथ पिछले वर्ग के विद्यार्थियों को भी छात्रवृत्ति के अलावा शुल्क प्रतिपूर्ति की भी बजट में व्यवस्था की। योगी ने कहा कि इसके अलावा अल्पसंख्यक समुदाय के विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति के लिये बजट में 942 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है वहीं अरबी फारसी मदरसों के आधुनिकीकरण के लिये 459 करोड़ रूपये का इंतजाम किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में विशेषकर धार्मिक पर्यटन को बढावा देने की कवायद के तहत बजट में खास इंतजाम किया गया है। बृज तीर्थ में अवस्थापना सुविधाआें के लिये 125 करोड रूपये, अयोध्या स्थित पर्यटन स्थलों के विकास के लिये 101 करोड़ और मथुरा वृंदावन के बीच आडिटोरियम के निर्माण के लिसे आठ करोड़ 38 लाख रूपये का प्रावधान बजट में किया गया है।
उन्होने कहा कि निवेश के लिये जरूरी विकास योजनाओं को रफ्तार दी जायेगी। एक्सप्रेस वे के निर्माण के लिये बजट में 3194 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गयी है जिसमें पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के लिये 1194 करोड़, बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे के लिये 1000 करोड़ और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे के लिये एक हजार करोड़ खर्च किये जाने की योजना है।
योगी ने कहा कि एक जिला एक उत्पाद योजना को प्रोत्साहित करने के लिये बजट में ढाई सौ करोड़ रूपये की व्यवस्था की गयी है। युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिये मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना में 100 करोड़ रूपये खर्च किये जायेंगे। परंपरागत कारीगरों के उत्थान के लिये विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना शुरू की गयी है जिसके लिये बजट में 30 करोड की व्यवस्था की गयी है। उन्होने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के लिये बजट में 1298 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है वहीं प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के लिये 291 करोड़ रूपये खर्च किये जायेंगे।