काठमांडू। पूर्व श्रीलंकाई विकेटकीपर पुबुदू दासानायका ने नेपाल नेशनल टीम के मुख्य कोच पद से पारिवारिक कारणों से इस्तीफ़ा दिया है। उनके अनुबंध में अभी डेढ़ साल का समय बचा था और अब वह 2023 के अंत तक कनाडा के मुख्य कोच का पद संभालेंगे।
52 वर्षीय दासानायका 1990 के दशक में टेस्ट क्रिकेट खेलने के बाद 2001 से ओंटारियो, कनाडा के ही निवासी हैं। उन्होंने 2005 में आयरलैंड में खेले गए आईसीसी ट्रॉफ़ी में पहली बार कनाडा का प्रतिनिधित्व किया था और अपनी टीम को 2007 के विश्व कप के लिए क्वालिफ़ाई करने में अहम भूमिका निभाई थी।
2007 से 2011 विश्व कप तक वह कनाडा के मुख्य कोच भी थे। यह कनाडा के लिए 50 ओवर विश्व कप खेलने का आख़िरी मौक़ा था। उसके बाद वह नेपाल टीम से जुड़े और 2015 तक मुख्य कोच बने रहे और इस दौरान नेपाल को 2014 में पहली बार टी20 विश्व कप तक पहुंचाया।
दासानायका 2016 से 2019 तक यूएसए के मुख्य कोच थे और इसके बाद उन्होंने दिसंबर 2021 में दूसरी बार नेपाल की कमान संभाली। हालांकि उन्होंने कहा कि कोविड के चलते उन्होंने अपने पारिवारिक जीवन को ज़्यादा प्राथमिकता देने का फ़ैसला किया है।
उन्होंने कहा कि कोविड के दौरान मैं क्रिकेट से दूर था। मेरी बीवी कनाडा में पशु चिकित्सक हैं और इस दौरान वह काफ़ी व्यस्त रहीं और मैं उनकी सहायता करने लगा था। जब कोविड का क़हर थोड़ा कम हुआ तब मुझे नेपाल को कोच करने का अवसर मिला था। एक लंबे अंतराल के बाद यह नौकरी मेरे लिए सही थी। लेकिन नेपाल में पहली बार इस काम के दौरान हालात अलग थे। अब मेरे बच्चों को उनकी पढ़ाई के लिए मेरी मदद की ज़रूरत है। मेरी सास भी पिछले दो महीनों से अस्वस्थ हैं। सब कुछ मेरी बीवी को संभालना पड़ रहा है। ऐसे में मेरा दूर रहना मुनासिब नहीं।
दासानायका ने कहा कि वह क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ़ नेपाल को अपना त्यागपत्र स्कॉटलैंड में हालिया वनडे दौरे के दौरान ही देना चाहते थे लेकिन बोर्ड ने उन्हें कोच बने रहने का आग्रह किया। इस हफ़्ते काठमांडू लौटने पर उन्होंने बोर्ड के साथ एक मीटिंग में अपना इस्तीफ़ा दिया जिसे बोर्ड ने स्वीकार किया।
दासानायका का मानना है कि नेपाल टीम में सफल होने के लिए एक अच्छे टीम की नींव मौजूद है। कप्तान संदीप लामिछाने के अलावा उन्होंने 19-वर्षीय उपकप्तान रोहित पौडेल और 17-वर्षीय शीर्ष क्रम बल्लेबाज़ देव खनाल की तारीफ़ की। उन्होंने कहा कि जब मैं नेपाल आया तो संगठन और खिलाड़ियों में काफ़ी अनबन थी। दोनों में कोई बातचीत नहीं चल रही थी और दोनों अपने पक्ष पर अड़े थे।
ऐसे में मैं दोनों के बीच मध्यस्थ बन सका क्योंकि खिलाड़ियों का भरोसा मुझ पर था और बोर्ड ने भी माना कि वह मेरे फ़ैसलों का सम्मान करेंगे। जब बोर्ड ने युवा प्रतिभाओं को देखा तो उन्होंने उनका समर्थन किया। खिलाड़ियों के वेतन, मैच फ़ी और अलाउंस में वृद्धि हुई। इस पूरे विवाद की वजह से हमें कुछ सीनियर खिलाड़ियों को ड्रॉप करना पड़ा।
उन्होंने आगे कहा कि हमने कुछ मैच इसलिए हारे कि 17 और 19 साल के लड़के इस स्तर पर खेलने के आदि नहीं थे। थोड़ा समय लगेगा लेकिन यह बहुत प्रतिभावान हैं। वर्ल्ड क्रिकेट लीग टू में मैंने कई एसोसिएट देशों को देखा है और प्रतिभा के मामले में यह किसी से कम नहीं। मैं अगर यहां ना भी रहूं मैं हमेशा इनका समर्थन करूंगा।
दासानायका के लिए कनाडा के साथ पहला कार्यक्रम होगा आईसीसी वर्ल्ड कप चैलेंज लीग ए में दूसरा राउंड, जो 27 जुलाई से 6 अगस्त तक खेला जाएगा। कनाडा फ़िलहाल छह टीम के तालिका में पहले पांच में से चार मैच जीतकर शीर्ष पर है। आगे उन्हें सिंगापुर, क़तर, डेनमार्क, मलेशिया और वानुआटु की मेज़बानी करनी है।