नई दिल्ली। देश में दिल के दौरे से मौत के बाद सर्वाधिक मौतें पल्मोनरी एम्बोलिस्म (फेफड़ों की धमनियों में रक्त की आपूर्ति बाधित) से हाेती हैं और बहुत देर तक बैठे रहने और बेहद टाइट जींस पहनने वाले व्यक्ति इसकी चपेट में आकर मौत के शिकार हो सकते हैं।
शालीमार बाग स्थित मैक्स सुपर स्पेशियालिटी अस्पताल के ह्दय रोग विभाग के प्रमुख नवीन भामरी ने ‘यूनीवार्ता’ को गुरुवार को बताया कि फेफड़ों तक रक्त ले जाने वाली रक्तवाहिका में खून का थक्का जमने से मौत का गंभीर खतरा होता है। डॉ़ भामरी ने कहा,“ चार घंटे से अधिक समम तक लगातर बैठे रहने से दिल से फेफड़े में होने वाला रक्त का प्रवाह रुक सकता है जिससे मौत तक हो सकती है। देर तक बैठे रहने और पैरों को एक ही अवस्था में रखने से पल्मोनरी एम्बोलिस्म का खतरा उत्पन्न हो सकता है। ”
उन्होंने कहा,“ फेफड़े में रक्त का प्रवाह बंद होने से रक्तचाप इतना कम हो जाता है कि वह रिकॉर्ड भी नहीं हो सकता यानी वह शून्य हो जाता है और पल्स रीडिंग भी जीरो हो जाता है। इसके अलावा इससे किडनी भी काम करना बंद कर देती है। इस तरह के खतरे को देखते हुए ही विमान में लंबी यात्रा के दौरान हर दो घंटे में सीट से उठने की घोषणा की जाती है। पल्मोनरी एम्बोलिस्म के खतरे से बचने के लिए डीप वेन थ्रोंबोसिस(डीवीटी) स्टॉकिंग्स पहनने की सलाह दी जाती है। ”
गर्भावस्था में पल्मोनरी एम्बोलिस्म के खतरे की चर्चा करते हुए डॉ़ भामरी ने कहा,“ आठ -नौ माह की प्रेगनेंसी हो जाने पर जांघ के ऊपरी हिस्से (हिप ज्वाइंट) का नस दबता है और इससे खून की आपूर्ति बाधित होती है। ऐसी स्थिति में कई बार महिला की मौत भी हो जाती है और समझा यह जाता है कि दिल का दौरा पड़ने से ऐसा हुआ। गर्भधान रोकने के लिए ली जाने वाली गाेलियां भी पल्मोनरी एम्बोलिस्म का कारण बनती हैं क्योंकि उनमें खून में थक्का बनाने वाला हार्मोन होता है। किसी भी प्रकार की सर्जरी के बाद 24 घंटे से अधिक समय तक रेस्ट पर रहने वाले रोगियों को डीवीटी पंप इस्तेमाल के दिया जाता है।”
उन्होंने कहा, “इस वर्ष 12 अक्टूबर को हमारे पास 30 साल के युवक सौरभ को लाया गया था। उसकी पल्स रीडिंग और रक्तचाप जीरो था। उसकी किडनी भी फेल हो चुकी थी। हमने उसे लगातार 45 मिनट तक सीपीआर दिया। इस दौरान उसका इको किया गया जिससे मालूम चला कि उसके राइट कोरोनरी आर्टरी का आकार काफी बढ़ा हुआ था। इससे हमें यह अच्छी तरह समझ में आ गया कि वह पल्मोनरी एम्बोलिस्म का शिकार हुआ है। हमने इसके बाद उसे जीवन रक्षक दवा दी , हालांकि उसका साइड इफेक्ट का रिक्स था फिर भी हमने यह खतरा मोल लिया क्योंकि हमारे लिए उसकी जान बचाने के लिए ‘खतरे का जुआ’ खेलना आवश्यक था। तमाम अनिवार्य चिकित्सकीय उपाय करने के बाद उसकी जान बच सकी।”
डॉ़ भामरी ने कहा ,“बाद में मालूम चला कि सौरभ लगातार आठ घंटे तक गेयर फ्री कार चला रहा था और उसकी जींस भी टाइट थी। सौरभ के पल्मोनरी एम्बोलिस्म का शिकार होने के कई कारण हो सकते हैं जिनमें लंबे समय तक दाहिने पैर की स्थिति एक ही अवस्था में होने से लेकर डिहाइड्रेशन भी शामिल है।”
पल्मोनरी एम्बोलिस्म से बचने के उपायों के बारे में उन्होंने कहा ,“ लंबे समय तक बैठने वाले को काम करने के दौरान हर आधा घंटा में उठकर पैरों को झटकना चाहिए और बैठे रहने के दौरान कार में ब्रेक लगाने जैसी पैरों को गति देना चाहिए। साथ ही योग ,व्यायाम,सैर ,संतुलित भोजन समेत उत्तम जीवन शैली के लिए आवश्यक उपायों के प्रति गंभीर रहना चाहिए।”