बेंगलूरु। दिवंगत कन्नड़ अभिनेता पुनीत राजकुमार की नेत्र ने दो के बजाय चार लोगों को देखने में मदद की। यह यहां नारायण नेत्रालय में डाॅ. राजकुमार आई बैक में डॉक्टरों के द्वारा संयोजित आधुनिकतक तकनीकी से संभव हो पाई है।
आम तौर पर एक मृत व्यक्ति के दो कॉर्निया से दो नेत्रहीन रोगियों को दृष्टि मिल पाती है, लेकिन कन्नड अभिनेता पुनीत के मामले में चार रोगियों को इसका लाभ मिला है।
नारायण नेत्रालय के संस्थापक-अध्यक्ष डॉ भुजंग शेट्टी ने कहा कि नवीनतम तकनीक के कारण डॉक्टरों की एक टीम पुनीत की दो कॉर्निया को चार हिस्सों में बांटकर चार मरीजों को कॉर्निया ट्रांसप्लांट करने में सफल रही।
डॉ. रोहित शेट्टी के नेतृत्व में डॉक्टरों की एक टीम ने प्रत्यारोपण का यह अजूबा कारानाम कर दिखाया। जो कॉर्निया और अपवर्तक सर्जरी विभाग के प्रमुख हैं। डॉक्टरों की टीम में डॉ राजकुमार नेत्र बैंक के चिकित्सा निदेशक यतीश शिवन्ना और सलाहकार में डॉ. डी’सूजा, हर्षा नागराज और प्रार्थना भंडारी शामिल थे।
उन्होंने कहा कि चार लाभार्थियों में से एक महिला भी शामिल है और सभी प्रत्यारोपण के बाद अच्छा महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी को शनिवार को प्रत्यारोपण किया गया था।
शेट्टी ने कहा संवाददताओं को बेहतर ढंग से बताने के लिए कहा कि दिवंगत पुनीत के सामने के दो कोर्निया के हिस्से से दो मरीजों का नेत्र प्रत्यारोपण किया गया जिनका कॉर्निया का सामने का हिस्सा क्षतिग्रस्त था। इसी तरह कॉर्निया का दुर्लभ सिरा दो अन्य रोगियों को दिया गया, जिनके कॉर्निया का दुर्लभ सिरा क्षतिग्रस्त हो गया था।
गौरतलब है कि पुनीत का 29 अक्टूबर को दिल का दौरा पड़ने से निधन गया था और उनके सबसे बड़े भाई राघवेन्द्र राजकुमार ने अपने पिता डॉ राजकुमार की मृत्यु के बाद नेत्रदान करने की पारिवारिक परंपरा को अक्षुण्ण रखते हुए नारायण नेत्रालय में डॉ. राजकुमार नेत्र बैंक से संपर्क साधा।
डॉ. शेट्टे ने कहा कि डॉ. राजकुमार ने 1994 में नेत्र बैंक के उद्घाटन के अवसर पर अपने पूरे परिवार का नेत्र दान करने का संकल्प लिया था।