जालंधर। पंजाब विधानसभा में विपक्षी कांग्रेस के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा है कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान को जर्मनी में जिस हालात में विमान से उतारा गया, उसे देखते हुए उन्हें नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए।
नेता विपक्ष ने कहा कि मान को जिस हालात में जर्मनी में विमान से उतारा गया है, उससे उन्होंने देश का सिर शर्म से नीचा कर दिया है। इसके लिए मुख्यमंत्री को नैतिकता के आधार पर अपना पद छोड़ देना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह घटना आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के लिए भी फैसले लेने की घड़ी है कि अब तक अन्ना हजारे मूवमेंट के जरिए जिन सिद्धांतों पर चलने की वह बात करते रहे हैं, उस पर कायम रहेंगे या सिर्फ यह बातें करने के लिए ही हैं।
बाजवा ने कहा कि इस मामले में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को एयरलाइन कंपनी से रिपोर्ट लेनी चाहिए कि मान को किस वजह से फ्लाइट नहीं पकड़ने दी गई। बाजवा ने कहा कि उन्होंने कंपनी से बात की है और कंपनी के अधिकारियों ने कहा है कि इस कंपनी ने यात्रियों के लिए जो नियम तय कर रखे हैं, उस पर मान पूरे नहीं उतर रहे थे, जिस वजह से उन्हें विमान में चढ़ने से रोका गया। कंपनी ने हालांकि कहा है कि वह यह बात उन्हें लिखित में नहीं दे सकते हैं।
मान जर्मनी से लौट आए हैं, लेकिन उनके एक दिन बाद लौटने को लेकर विपक्षी पार्टियों ने उन्हें घेरा है और जवाब मांगा है। शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल, पार्टी के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया, कांग्रेस के बाजवा, सुखपाल सिंह खैहरा आदि ने उनसे स्थिति को स्पष्ट करने को कहा है कि मान एक दिन देरी से क्यों लौटे।
कांग्रेस नेता खैहरा और सुखबीर बादल ने एक ट्वीट करते हुए कहा कि जर्मनी दौरे पर गए मान को लुसियाना फ्लाइट से उतार दिया गया। बादल ने कहा कि यह मामला बेहद परेशान करने वाला है। बादल ने कहा कि इस तरह की रिपोर्टों ने पूरी दुनिया में पंजाबियों को न केवल परेशान किया है साथ ही उन्हें शर्मसार भी किया है।
उन्होंने कहा कि हैरानी है कि मुख्यमंत्री की इन रिपोर्ट पर आप और सरकार चुप है। उन्होंने केजरीवाल से इस पर स्थिति साफ करने को कहा। उन्होंने केन्द्र सरकार से भी इस मामले में हस्तक्षेप करने को कहा, क्योंकि इसमें पंजाबियों और देश के गौरव का सवाल है। उन्होंने कहा कि यदि जर्मन एयर कंपनी ने ऐसा किया है तो सरकार को इसको लेकर जर्मन सरकार से बात करनी चाहिए।
बाजवा ने चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी की छात्राओं के वीडियो क्लिप लीक होने के मामले में कहा है कि यह बेहद ही दुखद घटना है और इसने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि उनके बच्चे कहां सुरक्षित रहेंगे।