चंडीगढ़। पंजाब के जहरीली शराब कांड में मृतकों की संख्या सोमवार को 108 पहुंच गई जबकि गिरफ्तारियों का सिलसिला भी जारी रहा और दो कारोबारियों समेत 12 और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
पंजाब सरकार के देर शाम यहां जारी बयान के अनुसार पुलिस ने निलंबित दो उपाधीक्षकों और चार थाना प्रभारियों के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू की है जबकि मजिस्ट्रेटी जांच के तहत भी इन पुलिसकर्मियों और सात आबकारी विभाग अधिकारियों के खिलाफ जांच जारी है।
कांड में सोमवार को की गई गिरफ्तारियों को मिलाकर 37 लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है। पुलिस के अनुसार आठ और आरोपियों की शिनाख्त की जा चुकी है और उनकी तलाश जारी है। इनमें लुधियाना के एक पेंट शॉप मालिक राजेश जोशी भी शामिल है जिस पर शराब माफिया जंजीर की एक महत्वपूर्ण कड़ी होने का शक है।
जहरीली शराब तरण तारण में 82 और अमृतसर व बटाला में तेरह-तेरह लोगों की जान ले चुकी है। पिछले 24 घंटों में गिरफ्तार आरोपियों में मोगा का रविंदर सिंह आनंद शामिल है जिसने लुधियाना के कारोबारी से 11000 रुपए प्रति ड्रम के हिसाब से तीन ड्रम जहरीली शराब के खरीदे थे।
उसने हाल में हैंड सैनिटाइजर का निर्माण भी शुरू किया था। रविंदर से यह तीन ड्रम अवतार सिंह के पास गये जिसने यह ड्रम तरण तारण के हरजीत सिंह व उसके दो बेटों को बेचे। उन्होंने ड्रम गांव पंडोरी गोला के निकट झाड़ियों में छिपाए थे।
पुलिस की जांच के अनुसार हरजीत और उसके बेटों सतनाम व शमशेर ने 42 बोतलें गोबिंदर सिंह को बेचीं जिसने उसकी 46 बोतलें बनाकर बलविंदर कौर को बेचीं। बलविंदर कौर इस प्रकरण में गिरफ्तार होने वाली पहली आरोपी थी। बलविंदर ने उन बोतलों में 50 फीसदी पानी मिलाकर सौ रुपए में एक बोतल बेची।
रविंदर जिसका सहयोगी था, अश्विनी बजाज को भी गिरफ्तार किया गया है। रविंदर ने ही राजेश जोशी की संलिप्तता के बारे में बताया है जो फरार है। पुलिस महानिदेशक दिनकर गुप्ता के अनुसार गोबिंदर, रविंदर, दर्शना रानी, त्रिवेणी चौहान और हरप्रीत सिंह मामले के प्रमुख आरोपी लगते हैं और इनके अन्य बड़े माफिया गिरोह सदस्यों से संबंधों का पता लगाया जा रहा है।