चंडीगढ़। पंजाब कैबिनेट के मंत्री राणा गुरजीत सिंह ने खुद पर लगे भ्रष्टाचार और धनशोधन के आरोप के बाद मंगलवार को पद से इस्तीफा दे दिया। हालांकि अभी तक मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है।
पंजाब कांग्रेस से जुड़े सूत्रों ने बताया कि अमरिंदर सिंह मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात कर इस्तीफे से जुड़े मुद्दे और कैबिनेट के विस्तार पर चर्चा कर सकते हैं।
पंजाब मंत्रिमंडल में बिजली एवं सिंचाई मंत्री राणा गुरजीत सिंह राज्य सरकार में करोड़ों रुपये के रेत खनन नीलामी में अनियमितता बरतने के चलते बीते कुछ महीनों से विवादों में हैं।
गुरजीत सिंह से जुड़े लोगों और उनकी कंपनियों को पिछले साल मई में करोड़ों रुपये के रेत खनन ठेके मिले थे। इन लोगों में एक शख्स ऐसा भी है, जो पहले राणा रणजीत का रसोइया रह चुका है।
ऐसा आरोप है कि ये लोग और कंपनियां राणा गुरजीत के लिए सिर्फ मोहरे थे और ये अनुबंध बेनामी माध्यमों के जरिए लिए गए।
उन पर लगे संगीन आरोपों के बाद आम आदमी पार्टी और शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) ने राणा गुरजीत के इस्तीफे की मांग की थी।
आप नेता और पंजाब में विपक्ष के नेता सुखपाल सिंह खैरा ने मंगलवार को कहा कि राणा गुरजीत का इस्तीफे काफी समय पहले ही आ जाना चाहिए था।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हाल ही में इस संबंध में राणा गुरजीत और उनके बेटे को समन जारी किया। शराब और चीनी उत्पादन के कारोबार से जुड़े राणा गुरजीत को मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह का करीबी माना जाता है।
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