अमृतसर, 15 नवंबर :- पंजाब के सहकारिता मंत्री सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने गुरुवार को कहा कि पंजाब की सहकारी क्षेत्र की चीनी मिलों में इथनोल और बिजली उत्पादन सयंत्र लगाए जाएंगे।
श्री रंधावा ने कहा कि लगातार घाटे में चल रही सरकारी क्षेत्र की चीनी मिलों को लाभ में लाने के लिए इनकी क्षमता में विस्तार किया जायेगा। उन्होंने कहा कि मिलों में पैदा होने वाले शीरे से ईथनॉल बनाने और गन्ने के छिलके से थर्मल सयंत्र चलाकर बिजली पैदा की जायेगी।
अजनाला की चीनी मिल शुरू करने के लिए आयोजित विशेष समारोह को संबोधित करते हुए श्री रंधावा ने कहा कि चीनी मिलें केवल चीनी पैदा करके लाभ नहीं कमा सकतीं, इसलिए यहाँ से निकलने वाले हर पदार्थ को प्रयोग में लाने की ज़रूरत है और इस काम के लिए बनी कैबिनेट उपसमिति ने मिलों के विस्तार और को-जेनरेशन प्लांट लगाने को हरी झंडी दे दी है। उन्होंने बताया कि सहकारी क्षेत्र की खांड मिलों को लाभ में लाने के मकसद के साथ गन्ने की पिराई का सीजन पहले की अपेक्षा जल्दी शुरू किया जा रहा है ताकि किसान का गन्ना मार्च-अप्रैल महीने तक खेत में खड़ा न रहे।
मंत्री ने कहा कि भोगपुर चीनी मिल की क्षमता बढ़ाकर वहां बिजली पैदावार का काम शुरू कर दिया गया है और आने वाले दिनों में अजनाला, बटाला और गुरदासपुर की चीनी मिलों की क्षमता बढ़ाने के साथ को-जेनरेशन का काम भी शुरू किया जायेगा। उन्होंने बताया कि किसानों की सहकारी चीनी मिल की तरफ बकाया पड़ी करीब 218 करोड़ रुपए की रकम का भुगतान पंजाब सरकार की तरफ से जल्दी ही किया जा रहा है।
श्री रंधावा ने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह कृषि को लाभ में लाने के लिए मिल्कफेड और शुगरफेड में नयी जान डालने के लिए प्रयत्नशील हैं और इस लक्ष्य को मुख्य रखकर दोनों अदारों का विस्तार बड़े स्तर पर किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि डेरा बस्सी में मिल्कफेड का नया सयंत्र लगाने के साथ मोहाली और जालंधर के चल रहे प्लांटों की दूध प्रोसेसिंग की क्षमता में भी विस्तार किया जायेगा।
विधायक हरप्रताप सिंह अजनाला ने मिल के विकास के लिए सहकारी विभाग की तरफ से किये जा रहे प्रयत्नों के लिए श्री रंधावा का धन्यवाद करते हुए कहा कि इससे इलाके की आर्थिक ख़ुशहाली जुड़ी हुई है। इस अवसर पर एम डी शुगरफेड दविन्दर सिंह, दिलराज सिंह सरकारिया, संयुक्त रजिस्ट्रार भूपिन्दर सिंह, महाप्रबंधक शिवराजपाल सिंह, सहायक रजिस्ट्रार सुक्खा सिंह, एम डी हरजिन्दर सिंह मरहाना उपस्थित थे।