
अजमेर। पुष्कर विधायक सुरेश सिंह रावत ने कोरोना महामारी से बिगडी परिस्थितियों का सामना कर रहे जरूरतमंदों के लिए सरकारी स्तर पर राहत की मांग की है।
विधायक रावत ने राजस्थान विधानसभा जयपुर में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लगाकर सरकार का ध्यान किया आकर्षित रावत ने कहा कि ग्राम मुहामी के सीताराम रावत जैसे आत्महत्या का कदम उठाने के लिए अब आगे और कोई ना हो मजबूर, इसके लिए सरकार विधानसभा में बिल लाए। उन्होंने सीताराम रावत के परिवार को आर्थिक सहायता देने की भी मांग की।
विधायक रावत ने सरकार का ध्यानाकर्षण किया कि विधानसभा में बिल लाकर बैंकों पर कुछ अंकुश लगाया जाए ताकि बैंकों से तंग आकर कोई आत्महत्या के लिए मजबूर ना हो। उन्होंने कहा कि ग्राम मुहामी के सीताराम रावत पुत्र गोम सिंह रावत ने कर्ज से परेशान होकर रेलवे ट्रैक पर आत्महत्या कर ली।
सीताराम ने पंजाब नेशनल बैंक से होम लोन ले रखा था। लोन की रकम अदा ना करने के कारण बैंक ने मकान सीज करने की धमकी दी थी। जिस पर सीताराम ने बैंक वालों को कोरोना के चलते अपनी आर्थिक तंगहाली के बारे में अवगत करा कुछ समय की मोहलत मांगी, किंतु बैंक कर्मियों द्वारा सीताराम को किस्त जमा नहीं कराने पर मकान सीजकर नीलामी करने की धमकी दी जाती रही।
रावत ने बताया कि अपने और अपने परिवार के सिर से छत के चले जाने की दिन-रात की चिंता के कारण सीताराम पर मानसिक दबाव बढ़ता गया और उसने आत्महत्या जैसा गलत कदम उठाया। सीताराम लॉकडाउन के कारण आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण लोन की किश्ते नहीं चुका पा रहा था।
विधायक रावत ने विधानसभा में मांग की कि सीताराम रावत के परिवार को सरकार मुआवजा उपलब्ध करवाए। रावत ने सरकार को बताया कि कोरोना महामारी के कारण सीताराम रावत जैसे लाखों लोगों की माली हालत खराब हो गई है। जिसके कारण वे बैंक से लिए गए किसी भी प्रकार के कर्ज की राशि की किस्त जमा कराने में असमर्थ हो चुके हैं।
उनके द्वारा अपनी माली हालत की जानकारी बैंक वालों को भी दी जाती है, लेकिन बैंक के ऊपर किसी प्रकार का कोई अंकुश ना होने के कारण बैंक वालों द्वारा उनकी पारिवारिक एवं आर्थिक माली हालातों को नजरअंदाज करते हुए अनावश्यक मानसिक दबाव बनाया जाता है। अंततः आत्महत्या जैसे कदम आए दिन सामने आ रहे हैं।
विधायक रावत ने मांग की कि सरकार को इस और ध्यान देकर कोरोना महामारी के बाद आर्थिक स्थिति बिगड़ने वालों के लिए राहत बिल लाकर उनकी मदद के लिए आगे आए एवं बिल में बैंक वालों पर अंकुश लगाने की भी व्यवस्था की जाए ताकि बैंक वाले अनावश्यक ज्यादती न कर सकें।