अजमेर/पुष्कर। पुष्कर विधायक सुरेश सिंह रावत कांग्रेस पर हमला करते हुए रावत ने कहा कि पेगासस के नाम पर भारत को बदनाम करने की एक बड़ी साजिश चल रही है। वे माली मंदिर में पुष्कर मंडल के पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित कर रहे थे।
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने बताया कि 2013 के एक आरटीआई जवाब पता चला है कि उस समय कांग्रेस की यूपीए सरकार हर महीने लगभग 9000 फोन और 500 ईमेल खातों की निगरानी की करती थी। तत्कालीन केंद्रीय मंत्री चिदंबरम ने एक अन्य केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय प्रणब मुखर्जी को फटकार लगाई थी। यह भी सर्वविदित है कि हरियाणा के दो सिपाही राजीव गांधी के आस पास देखे गए तो उन्होंने केंद्र में चंद्रशेखर की सरकार गिरा दी थी। यही कांग्रेस का चरित्र है।
हाल ही में राजस्थान की कांग्रेस सरकार पर भी फोन टैपिंग का आरोप लगाया गया था। ये आरोप कांग्रेस के ही विधायकों के द्वारा लगाए गए। लोगों की निजता और स्वतंत्रता के उल्लंघन के कांग्रेस के इतिहास के बारे में हर कोई जानता है।
पुष्कर के बायोलॉजिकल पार्क के निर्माण में भी कांग्रेस सरकार ने राजनीति करते हुए काम अटका रखा है। केंद्र से बायोलॉजिकल पार्क की सहमति तत्समय दी जा चुकी थी। पांच करोड का बजट भी मैंने आवंटन करवाया तथा शिलान्यास करवाकर कार्य भी चालू करवा दिया। किंतु सत्ता परिवर्तन के साथ ही कांग्रेस सरकार द्वारा आगामी बजट विभाग को जारी नहीं करने से काम अटका गया। कांग्रेस सरकार पुष्कर के विकास में अड़चनें डालने का काम ही कर रही है।
उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं को नए जोश और उत्साह से मोदी सरकार की उपलब्धियों को घर घर तक पहुंचाकर पार्टी को बूथ स्तर पर अधिक मजबूत बनाकर कांग्रेस के नापाक मंसूबों को नाकाम करने का आहवान किया।
जनसेवा ही लक्ष्य
पुष्कर विधायक सुरेश सिंह रावत ने ग्राम पंचायत गगवाना, कायमपुरा, अरडका, बबायचा, गनाहेड़ा व नांद के गांवों के 690 जरूरतमंदों को खाद्य सामग्री वितरित की
ग्रामीणों को संबोधित करते हुए विधायक रावत ने कहा कि गरीब गणेश समान है। जनसेवा कर चारधाम यात्रा का लाभ यही मिल जाता है। मेरे क्षेत्र के जरूरतमंद को हर संभव मदद करना प्राथमिकता है। जनसेवा ही मेरा लक्ष्य है।
तमाम कार्यक्रमों में विधायक रावत के साथ प्रधान प्रतिनिधि अर्जून सिंह, जिला पस सूरज करण व महेंद्र मझेवला, मंडल अध्यक्ष कन्हैयालाल व संपत सुवाल, पंसस बद्री गुर्जर, संपत सिंह, बालकनाथ, शंकर चौधरी, जितेंद्र मौर्य आदि साथ थे। ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर सभी सरपंचगण, उप सरपंचगण, वार्डपंचगण, समस्त प्रमुख कार्यकर्ता व सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण प्रत्येक ग्राम पंचायत मुख्यालय पर उपस्थित रहे।