अजमेर। पुष्कर के विधायक सुरेश सिंह रावत के नेतृत्व में प्रदेश की कांग्रेस सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ आज पुष्कर विधानसभा क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ताओं ने पुष्कर उपखंड अधिकारी को राज्यपाल के नाम ज्ञापन दिया।
विधायक रावत ने ज्ञापन में बताया कि राजस्थान की जनता से वादाखिलाफी करके सत्ता में आई कांग्रेस सरकार से प्रदेश की जनता त्रस्त हो चुकी है। राज्य के किसानों और नौजवानों को झूठे वादों के दम पर बरगला कर सत्ता में आई कांग्रेस सरकार मात्र ढाई साल में ही जनता का विश्वास खो चुकी है।
सत्ताधारी दल के विधायकों में गुटबाजी के चलते पनपे अविश्वास और दो भागों में बंटी कांग्रेस पार्टी आमजन के प्रति अपनी जिम्मेदारी को भूलकर एक दूसरे को नीचा दिखाने में जुटी है। राज्य के मुख्यमंत्री अपने ही दल के विधायकों को अपने पक्ष में रखने की कोशिश में जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारी को भुला चुके हैं। भारतीय जनता पार्टी, राज्य सरकार की विफलता से जुड़े कुछ मुद्दे संज्ञान में लाना चाहती है जो निम्नानुसार है :-
झूठे वादों की सरकार
किसानों को कर्जमाफी और बेरोजगारों को भत्ता देने का वादा अपने घोषणा पत्र में करने वाली कांग्रेस पार्टी ने शासन में आने के बाद अपने सभी वादों को भुला दिया है। लोकतंत्र में इस तरह की वादाखिलाफी सरासर ठगी है। जिन लोगों का भरोसा जीत कर कांग्रेस सत्ता में आई और फिर उन वादों को भुला देना राज्य के मतदाताओं के साथ सरासर बेईमानी है। कर्जमाफी के भरोसे बैठे राज्य के किसान आत्महत्या को मजबूर हो रहे हैं। बेरोजगार नौजवान के लिए न तो सरकार की कोई रोजगार नीति है और न ही बेरोजगारी भत्ता।
बेखौफ अपराधी एवं आमजन में भय
राज्य में अपराध चरम पर है। अपराधियों के हौसले बुलंद है। पुलिस अपना इकबाल खो चुकी है। राज्य में पहली बार संगठित अपराध अपनी जड़ें पसार चुका है। राज्य में पहली बार संगठित आपराधिक समूहों द्वारा फिरौती वसूली की घटनाएं हो रही है। राज्य के कई सारे व्यापारियों पर गोलीबारी की घटनाएं हुई है। इस तरह आमजन में भय का माहौल पैदा हो रहा है। शर्मनाक बात है कि राज्य की जेलों से संगठित गैंग अपना नेटवर्क संचालित कर रही है। पुलिस अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रही हैं। सट्टे व जुए जैसे अपराध भी पुलिस संरक्षण में बेखौफ चल रहे है।
राज्य में महिलाओं के साथ अपराध, बलात्कार, गैंगरेप और ब्लैकमेलिंग की घटनाएं निरन्तर बढ़ रही है। इन घटनाओं की रोकथाम के लिए राज्य की पुलिस द्वारा कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए जा रहे हैं वहीं दूसरी तरफ अनुसूचित जाति एवं जनजाति के प्रति अपराधों में भी भारी बढ़ोतरी हुई है। बावजूद इसके राज्य की पुलिस अनुसूचित जाति के व्यक्तियों के प्रति अपराधों में कोई कठोर कार्रवाई नहीं कर रही है। कुल मिलाकर यह प्रतीत होता है कि राज्य पुलिस का आदर्श वाक्य अपराधियों में भरोसा और आमजन में भय के रूप में तब्दील हो गया है।
बुनियादी जरूरतों से दूर होता आम आदमी
राज्य में बिजली के बिलों में बेतहाशा वृद्धि हुई है। आम आदमी के लिए महीने का बिजली बिल चुकाना भारी हो गया है। राज्य में निजी बिजली कंपनियों द्वारा की जा रही अवैध वसूली भी परवान पर है। राज्य के विभिन्न शहरों में जहां फ्रेंचाइजी मण्डल के जरिए बिजली सप्लाई की जा रही है, वहां पर इन निजी कंपनियों द्वारा अंधाधुंध वसूली की जा रही है। वहीं दूसरी तरफ कर्ज के बोझ के तले दबे किसान को अवैध वीसीआर भरकर लूटा जा रहा है।
राज्य में आम आदमी का जीना मुश्किल हो गया है। सस्ती बिजली राज्य सरकार की बुनियादी जिम्मेदारी है। लेकिन राज्य सरकार यह जिम्मेदारी निभाने में विफल रही है। भाजपा सरकार में किसानों को प्रति कनेक्शन 833 रूपए सबसिडी दी जाती थी जो कि राज्य की कांग्रेस सरकार ने बंद कर दी है जिससे किसारों का भारी आर्थिक शोषण हो रहा है।
बदहाल किसान
राज्य में बाजरे की पैदावार बड़ी संख्या में होती है, केंद्र द्वारा बाजरे की एमएसपी निर्धारित होने के बावजूद राज्य में बाजरे की खरीद नहीं की गई जबकि पड़ोसी राज्यों में बाजरे की सरकारी खरीद की गई। इंदिरा गांधी नहर केनाल से सिंचित होने वाले इलाके के किसान नहरबंदी से पूर्व ही पानी के अभाव से जूझ रहा है जबकि डेम में पानी पर्याप्त मात्रा में है।
राज्य के किसानों को फसली ऋण भी वितरित नहीं किया जा रहा है जबकि राज्य सरकार द्वारा बड़े-बड़े वादे किए जा रहे हैं। सरकार से ऋण माफी की उम्मीद लगाए बैठे किसान बैंक डिफाल्टर हो गए हैं। बैंक डिफाल्टर होने के कारण फसल बीमा भी नहीं हो पा रही है। इस तरह किसान फसल के नुकसान के मुआवजे से भी वंचित हो गए है। किसानों के क्रेडिट कार्ड भी ब्लॉक कर दिये गए है जिससे किसान ऋण प्राप्ति के लिए दर दर भटक रहे है।
खनन माफिया का आतंक
पूरे प्रदेश के विभिन्न इलाकों में पुलिस और सत्ताधारी दल के नेताओं के गठजोड़ के चलते अवैध खनन चरम पर है। खनन माफिया बिना भय के प्राकृतिक संसाधन को खोदने में लगे है जिसके चलते न केवल राज्य को राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है वरन अंधाधुंध खनन से प्रकृति का नुकसान भी हो रहा है। बजरी माफिया के कृत्य तो रोजाना अखबारों की सुर्खियां बनती है। आम आदमी के लिए अपना आशियाना बनाना मुश्किल हो गया है।
संगठित वजरी माफिया पूरे राज्य के विभिन्न इलाकों में कानून को अपने पंजों से रौंद रहा है। बजरी माफियाओं के होटल सरकार के विधायकों के शरणगाह बने हुए है। सरकारी गठजोड़ में बजरी माफिया फल फूल रहा है। पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है और जब कभी कोई ईमानदार अधिकारी इनको रोकने की कोशिश करता है तो उस पर टैक्टर चढ़ा देने की घटनाएं हो जाती है। खनन माफियाओं का इतना नंगा नाच इससे पहले कभी नहीं हुआ है।
अनैतिक शराब नीति
राज्य में लागू की गई नई शराब नीति राज्य में अवैध शराब के व्यापार को बढ़ावा देने वाली सिद्ध होगी। वहीं सरकार की मंशा नशे को बढ़ावा देने में लग रही है। यह नई शराब नीति राज्य के लिए बहुत हानिकारक सिद्ध होने वाली है।
नरेगा मजदूरों को पूर्ण मजदूरी का भुगतान नहीं
केन्द्र सरकार द्वारा नरेगा मजदूरों को वर्ष 100 दिन के रोजगार की गारंटी दी गई है और न्यूनतम मजदूरी 220 रूपए प्रतिदिन तय की गई है. लेकिन राजस्थान में नरेगा मजदूरों के साथ अन्याय किया जा रहा है। उन्हें मात्र 60-70 रूपए प्रतिदिन मजदूरी का भुगतान ही किया जा रहा है जो कि प्रदेश की गरीब ग्रामीण जनता के साथ छलावा है।
खाद्य सामग्री के वितरण में भारी अनियमितता के कारण प्रदेश की गरीब जनता को रियायती मूल्य की खाद्य सामग्री नहीं मिलने के कारण उनका जीवन यापन संकट में है।
पेट्रोल डीजल पर भारत में सर्वाधिक टेक्स राजस्थान वसूल कर रही है प्रदेश की जनता को पडौसी राज्यों के मुकाबले पेट्रोल डीजल पर 25 से 30 रूपये प्रति लीटर अतिरिक्त चुकाना पड रहा है जिससे आम जनता का आर्थिक बजट बिगड गया है।
पुष्कर विधानसभा क्षेत्र में शहरी व ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों की भारी दुर्दशा हो रखी है। अधिकांश सडके टूट चुकी है जिससे आमजन परेशान है। राजस्थान विकास होने वादे के अनुसार प्रत्येक ग्राम को भी अभी तक पक्की सडक से नहीं जोडा है।
राज्य सरकार ने प्रत्येक पंचायत हेड क्वाटर पर सीनियर सेकेन्डरी विद्यालय खोलने का वादा भी अभी तक पूर्ण नहीं किया है।
क्षेत्र की गोचर भूमि पर सरकार की शह पर भूमाफियायों ने कब्जे कर लिए है जिससे पशुधन के लिए चारे का संकट पैदा हो गया है।
भारतीय जनता पार्टी पुष्कर विधानसभा के कार्यकर्ताओं ने इस ज्ञापन के माध्यम से अपनी जनसरोकार की प्रतिबद्धता को प्रकट करते हुए राज्य के विपक्षी दल की हैसियत से राज्यपाल का ध्यान कांग्रेस सरकार के जनविरोधी निर्णयों में लीन होकर किए गये कुकृत्यों की ओर आकर्षित किया।
साथ ही राज्यपाल से इस दिशा में आवश्यक कदम उठाकर आमजन को राहत देने की अपील की और राजस्थान कांग्रेस सरकार की अकर्मण्यता, कुशासन, भ्रष्टाचार, लालफीता शाही की घोर निंदा करते हुए जनता का विश्वास खो देते वाली ऐसी नाकारा सरकार को बर्खास्त करने की मांग की।