नई दिल्ली। देश की अर्थव्यवस्था को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है। चालू वित्त वर्ष (2019-20) की दूसरी तिमाही में जीडीपी का आंकड़ा 4.5 फीसदी पहुंच गया है। बता दें, यह सात साल की सबसे बड़ी गिरावट है। इससे पहले मार्च 2013 तिमाही में देश की GDP दर इस स्तर पर फीसदी पर थी।
जानकारी में बता दें, चालू वित्त वर्ष (2019-20) की पहली तिमाही में जीडीपी की दर 5 फीसदी पर थी। दूसरी तिमाही के अनुसार 0.5 फीसदी की गिरावट आई। इसके अलावा, अक्टूबर महीने में 8 कोर सेक्टरों का इंडस्ट्रियल ग्रोथ -5.8 प्रतिशत रही है।
वहीं राजकोषीय घाटा के मोर्चे पर भी झटका लगा है। 2018-19 के पहले 7 महीनों यानी अप्रैल से अक्टूबर के बीच ही राजकोषीय घाटा मौजूदा वित्त वर्ष के लक्ष्य से ज्यादा हो गया है। पहले 7 महीनों में राजकोषीय घाटा 7.2 ट्रिलियन रुपये (100.32 अरब डॉलर) रहा जो बजट में मौजूदा वित्त वर्ष के लिए रखे टारगेट का 102.4 फीसदी है। वहीं अप्रैल से अक्टूबर की अवधि में सरकार को 6.83 ट्रिलियन रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ जबकि खर्च 16.55 ट्रिलियन रुपये रहा।