

जयपुर । राजस्थान विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दनि आज प्रश्नकाल के दौरान हुये अभूतपूर्व हंगामें के बाद प्रश्नकाल स्थगित कर दिया गया।
विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने प्रश्नकाल शुरू करते ही कांग्रेस विधायक दल के सचेतक गोविंद डोटासरा ने सदन में विधायकों द्वारा पूछे गये चार हजार प्रश्नों को समाप्त करने का मुद्दा उठाते हुये कहा कि सरकार प्रतिपक्ष के सवालों से बचना चाहती है और इस लिये वह विधायकों के प्रश्नों को समाप्त कर रही है।
सदन में हुये इस हंगामें के दौरान निर्दलीय विधायक हनुमान बेनीवाल, सहित कई नेता खडे हो गये और वैल तक पहुंच गये। विपक्ष बार-बार सरकार पर विधायकों के सवालों का जवाब नही देने का आरोप लगाते हुये कहा कि सरकार अपने अधिकारियों से ही जवाब नही ले पा रही है।
डोटासरा के यह कहते ही सदन में हंगामा शुरू हो गया और संसदीय कार्य मंत्री राजेन्द्र राठौड, सरकारी सचेतक कालूलाल गुर्जर, मदन राठौड और सार्वजनकि निर्माण मंत्री युनूस खान सहित सत्ता पक्ष के अनेक सदस्य खडे होकर विरोध करने लगे।
सदन में हंगामे के दौरान कांग्रेस की शकुंतला रावत, श्रवण कुमार, निर्दलीय हनुमान बेनीवाल सहित अनेक सदस्य उठकर वैल के आसपास आ गये वहीं सत्ता पक्ष के विधायक अपनी सीटों पर खडे होकर इसका विरोध करने लगे।
सदन में शोर शराबे के दौरान दोनों पक्षों द्वारा तेज आवाज में अपनी बात कहते रहे। इस बीच सार्वजनिक निर्माण मंत्री युनूस खां कुछ कागज लहराते दिखे जिस पर गोविंद डोटासरा ने कहा कि यह संबंधित प्रश्न नहीं है।
सरकारी सचेतक मदन राठौड ने प्रतिपक्ष के शोर शराबे के बीच कहा कि विपक्ष स्वयं प्रश्नों के प्रति गंभीर नहीं है और दोहरी रणनीति अपना कर सदन का समय जाया करना चाहते है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के इस रवैये की भर्त्सना की जानी चाहिये। सरकारी मुख्य सचेतक कालूलाल गुर्जर ने भी प्रतिपक्ष के नेता रामेश्वर डूडी से अपने विधायकों को शांत रहने और अनुशासन में रहने का आग्रह किया। शोर शराबे के बीच ही सत्ता पक्ष की ओर से कहा गया कि विपक्ष के इस रवैये की भर्त्सना करनी चाहिये।
शोर शराबे के बीच ही विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेधवाल ने नेता प्रतिपक्ष नेता रामेश्वर डूडी से भी पूछा कि विपक्ष प्रश्नकाल चलाना चाहता है या नही। इस पर श्री डूडी यह कहते नजर आये कि विपक्ष अपने सवालों का जवाब चाहता है और सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिये।
सदन में चल रहे हंगामे के बीच श्री मेघवाल ने कहा कि सदन में अध्यक्षीय व्यवस्था पर कोई चर्चा नही की जा सकती है। उन्होंने कहा कि विपक्ष प्रश्नकाल के प्रति गंभीर नही है। लगभग बीस मिनट तक हुये हंगामे के बाद श्री मेघवाल ने प्रश्नकाल को स्थगित करने की घोषणा करते हुये कहा कि उन्हें कार्यवाही स्थगित करने का कडा अफसोस है और विपक्ष के हंगामे के कारण उन्हें यह कदम उठाना पड़ रहा है।