जयपुर। राजस्थान में गुर्जर आरक्षण की प्रमुख मांगों पर राज्य सरकार और गुर्जर प्रतिनिधिमंडल के बीच सहमति बनने के बाद शनिवार को गुर्जरों ने अपना तेईस मई से प्रस्तावित आंदोलन स्थगित कर दिया।
गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के प्रवक्ता हिम्मत सिंह गुर्जर ने बताया कि गुर्जरों की मांगों को लेकर राज्य सरकार और गुर्जर प्रतिनिधिमंडल के बीच दो दौर की बातचीत के बाद प्रमुख मांगों पर सहमति बन गई और इसके बाद समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने 23 मई से प्रस्तावित आंदोलन स्थगित कर दिया।
उन्होंने बताया कि गुर्जर समाज सहित पांच जातियों को पांच प्रतिशत आरक्षण देने के मामले में सरकार ने रोहिणी कमेटी की रिपोर्ट आने पर इसका अध्ययन कर इस पर निर्णय करने पर सहमति जताई।
इसी तरह नौ दिसम्बर 2016 एवं गत वर्ष 21 दिसम्बर के बीच विभिन्न विभागों में हुई भर्तियों में पूर्व में दिये गये पांच प्रतिशत आरक्षण की जगह एक प्रतिशत आरक्षण देने पर भी सहमति बनी। उन्होंने बताया कि इसी तरह 1252 पदों पर हुई विभिन्न भर्तियों में जिन पदों पर पद ग्रहण नहीं किया गया हैं और पद रिक्त हैं उनकी प्रतिक्षा सूची को क्रियान्वित किया जाएगा।
इसी प्रकार विशेष पिछड़ा वर्ग को दिए गए आरक्षण के रोस्टर की निश्चिततौर पर पालना करने, आरएएस भर्ती 2016 के संबंध में आरक्षण के रोस्टर की गणना की समीक्षा करने पर भी सहमति बनी।
इसके अलावा पूर्व में आरक्षण आंदोलन के दौरान गुर्जरों पर हुए मुकदमों के संबंध में समय पर निस्तारण करने एवं मुकदमें वापस लेने के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) की अध्यक्षता में बैठक आयोजित करने पर भी सहमति बनी।
उन्होंने बताया कि उनके मांग पत्र की मांगों पर राज्य सरकार ने समय सीमा निर्धारित की है। इसके लिए हर सप्ताह शुक्रवार को समझौते की क्रियान्विति के लिए बैठक होगी।
उल्लेखनीय है कि गुर्जरों ने गत पन्द्रह मई को बयाना में हुई महापंचायत में कहा था कि राज्य सरकार सात दिन में आरक्षण के मामले में कोई समाधान नहीं करती है तो गुर्जर 23 मई को पीलूपुरा में हाेने वाली महापंचायत में आंदोलन शुरु करने की घोषणा की जाएगी। इससे पहले पन्द्रह मई को भी गुर्जरों की सरकार के साथ बातचीत हुई थी।