नई दिल्ली। इस साल 26 जनवरी की परेड में पहली बार भारतीय वायुसेना अपनी हवाई शक्ति के साथ ईंधन की बचत के अनोखे प्रयास का प्रदर्शन करेगी।
गणतंत्र दिवस की परेड में भारतीय वायुसेना के एएन-32 परिवहन विमान के वैमानिक ईंधन में 10 प्रतिशत जैविक ईंधन मिश्रित होगा जो रतनजोत के पौधे के बीजों से बनता है और जैविक ईंधन की इस तकनीक को वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद तथा देहरादून स्थित भारतीय पेट्रोलियम संस्थान ने पेटेंट कराया है। इस विमान को वैमानिक प्रणाली परीक्षण स्थापना के स्क्वाड्रन लीडर मेहताब सोंद उड़ाएंगे।
एयर वाइस मार्शल आरजीके कपूर ने बुधवार को यहां परेड में भाग लेने वाले वायुसेना के बेड़े की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अभी वैमानिक ईंधन में जैविक ईंधन मिलाने का प्रयोग चल रहा है। ये प्रयोग अभी कुछ समय और चलेंगे। फिलहाल दो पहलुओं पर विचार चल रहा है, पहला – जैविक जेट ईंधन एवं उसके मिश्रण को विमान के इंजन एवं अन्य प्रणालियों पर क्या असर हो और दूसरा जैविक ईंधन का उत्पादन एवं आपूर्ति कहां से होगी। यदि हम पूर्ण रूप से इसे अपनाएं तो जैविक ईंधन की कितनी मात्रा की जरूरत होगी और ये कैसे संभव होगा।
यह पूछने पर कि यदि कोई देश जैविक ईंधन को पूर्ण रूप से अपना ले तो क्या ऐसा संभव है, एयर वाइस मार्शल कपूर ने कहा कि कोई भी देश पूर्णत: जैविक ईंधन पर निर्भर नहीं रह सकता। उसके कई चरण हैं -परीक्षण, प्रायोगिक स्तर और फिर प्रभाव का अध्ययन करना। यह बहुत धीमी प्रक्रिया है। हम अभी चाहते हैं कि इस अवधारणा की पुष्टि हो जाए। एक बार अवधारणा सिद्ध हो गई तो फिर आगे क्या करना है, यह हमें पता है और यह कोई मुश्किल काम नहीं है।
गत 17 दिसंबर को वायुसेना के परीक्षण प्रभाग वैमानिक प्रणाली परीक्षण स्थापना के इंजीनियरों एवं पायलटों ने पहली बार जैविक ईंधन का मिश्रित वैमानिक ईंधन से सैन्य परिवहन विमान को उड़ाया था। उन्होंने कहा कि वायुसेना ने कुछ उड़ानें भरीं और विमान उड़ाने में कोई दिक्कत नहीं हुई। सभी प्रणालियां सुचारू रूप से कारगर रहीं। वायुसेना के इस कदम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और आयातित तेल पर निर्भरता कम होगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2021 तक कच्चे तेल पर निर्भरता कम से कम 10 प्रतिशत कम करने का लक्ष्य रखा है।
गणतंत्र दिवस की परेड में इस बार 37 विमान भाग लेंगे जिनमें से 33 विमान वायुसेना के और चार हेलीकाॅप्टर भारतीय सेना के होंगे। इन विमानों में 18 युद्धक विमान, आठ परिवहन विमान और 11 हेलीकाॅप्टर शामिल होंगे। इसके अलावा झांकियों में स्वदेशी तकनीक से निर्मित हल्का युद्धक विमान तेजस, सुखोई 30 एमकेआई, आकाश प्रक्षेपास्त्र तथा कम ऊंचाई वाले हल्के राडार शामिल होंगे।