शांतिनिकेतन। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने आज कहा कि रवींद्रनाथ टैगोर भारत और बांग्लादेश दोनों से जुड़े हुए हैं क्योंकि उन्होंने दोनों देशों के राष्ट्रगान की रचना की है।
हसीना ने यहां बांग्लादेश भवन के उद्घाटन के बाद कहा कि टैगोर ने अपनी ज्यादातर कविताएं बांग्लादेश में लिखी हैं और यही वजह है कि हम उन पर अधिक हक जता सकते हैं।
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश भवन की गतिविधियों के हिस्से के तौर पर बांग्लादेश के स्नातक और परास्नातक पाठ्यक्रम के छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। भवन में एक संग्रहालय, कला दीर्घा, पुस्तकालय और ऐसे ही अन्य माध्यमों के जरिये आधुनिक बांग्लादेश और उसके इतिहास का प्रदर्शन किया जाएगा।
बांग्लादेशी प्रधानमंत्री ने कहा कि रोहिंग्या लोगों ने बांग्लादेश में शरण ले रखी है। हमने मानवता के आधार पर उन्हें रहने की जगह दी है। हम चाहते हैं कि वे जल्द से जल्द अपने देश लौट जाएं। मैं आपसे म्यांमार के साथ बातचीत में मदद करने का अनुरोध करती हूं ताकि वे रोहिंग्या लोगों को जल्द से जल्द वापस बुलाए।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने पश्चिम बंगाल में जिस तरह बांग्लादेश भवन का उद्घाटन किया है, हमने बांग्लादेश के कुश्तिया जिले में स्थित रवींद्रनाथ टैगोर के निवास ‘कुथीबाड़ी’ की मरम्मत की भी जिम्मेदारी ली है।
उन्होंने कहा कि पिछले साल हमने कोलकाता और कुलना के बीच वातानुकूलित रेल सेवा ‘बंधन’ शुरु की थी। भारत बंगलादेश को लगातार बिजली प्रदान कर रहा है। वर्तमान में बांग्लादेश को 600 मेगावाट बिजली प्रदान की जा रही है जिसे बढ़ाकर 1100 मेगावाट करने की योजना है।
मोदी ने कहा कि भारत और बांग्लादेश की आने वाली पीढ़ियाें को अपने-अपने देशों की जानी-मानी हस्तियों के बारे में जानकारी होनी चाहिए। हमारी सरकार इसके लिए काम कर रही है।
बांग्लादेश भवन के निर्माण का उद्देश्य भारत और बांग्लादेश के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर जोर देने के साथ ही भाषा, संस्कृति, कला, अर्थव्यवस्था और इतिहास के क्षेत्र में योगदान देना है। यह अकादमीशियन, कलाकारों और छात्रों के लिए आदान-प्रदान और दोनों देशों के लोगों के बीच अंतर सांस्कृतिक आदान-प्रदान के क्षेत्र में शोध को बढ़ावा देने का केंद्र होगा।