नयी दिल्ली । कृषि मंत्री राध मोहन सिंह ने जलवायु परिवर्तन से कृषि को हो रहे नुकसान पर चिन्ता व्यक्त करते हुए शुक्रवार को कहा कि भारतीय कृषि पर इसका असर पहले से दिख रहा है और आने वाले समय में यह कृषि आय को प्रभावित कर सकता है।
सिंह ने यहां भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के 57 वें दीक्षान्त समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि पानी और भूमि की कमी, मिट्टी की गुणवत्ता मं गिरावट, जलवायु परिवर्तन से तापमान में वृद्धि , और वर्षा में उतार चढाव सभी कृषि को प्रभावित करने वाले कारक हैं। इसे देखते हुए भारतीय कृषि पर जलवायु के प्रभावों का विश्लेषण करना तथा जलवायु अनुकूल कृषि पद्धति को सुदृढ करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में सेंसर, सेंसर नेटवर्क और संबंधित प्रौद्योगकियां तेजी से बढ रही है और ये खाद्य एवं पोषण सुरक्षा तथा जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में देश के लिए महत्वपूर्ण है। संस्थान इन क्षेत्रों में महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है। उन्होंने संस्थान के कामकाज की सराहना करते हुए कहा कि धान के पौधों से मीथेन गैस के उत्सर्जन का आकलन करना उसकी अतिविशिष्ट उपलब्धियों में से एक है जो संयुक्त राष्ट्र के साथ जलवायु परिवर्तन सम्बन्धी वार्ता में भारत के हितों की रक्षा करने में मददगार हो सकता है।