नयी दिल्ली । कांग्रेस ने राफेल सौदे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला करते हुए कहा है कि यह उनके और उद्योगपति अनिल अंबानी के बीच की ‘डील’ है और प्रधानमत्री ने इस सौदे में नियमों को ताक पर रखकर उद्योगपति को फायदा पहुंचाया है।
कांग्रेस प्रवक्ता जयपाल रेड्डी ने यहां पार्टी मुख्यालय में आयोजित विशेष संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस सौदे के लिए रक्षा खरीद संबंधी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया और रक्षा मंत्री तथा विदेश सचिव को विश्वास में नहीं लिया गया जबकि श्री अंबानी के पास इस बारे में सारी सूचनाएं थीं।
उन्होंने कहा, “मैं इस सौदे को मोदी तथा अंबानी के बीच की सीधी डील इसलिए कह रहा हूं कि विदेश सचिव ने इसको लेकर बयान दिया था कि प्रधानमंत्री और फ्रांस के राष्ट्राध्यक्ष के बीच सौदे का संबंध नहीं है। दूसरी बात जब यह सौदा किया गया तो उस समय रक्षा मंत्री वहां मौजूद नहीं थे। तीसरी बात, इस सौदे पर हस्ताक्षर होने से महज 12 दिन पहले अनिल अंबानी ने अपनी उस कंपनी का पंजीकरण कराया जिसको इन विमानों का ठेका दिया गया। ठेका ऐसी कंपनी को दिया गया जिसको रक्षा क्षेत्र का अनुभव नहीं था।”
प्रवक्ता ने कहा कि तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने एक बयान में कहा था कि भारत के प्रधानमंत्री और फ्रांस के बीच रक्षा सौदा हुआ है। उन्होंने कहा कि यह पहली घटना है जब इस तरह के सौदों के लिए रक्षा मंत्री देश के प्रधानमंत्री की पीठ थपथपा रहे हैं जबकि स्थापित परंपरा के अनुसार प्रधानमंत्री रक्षा सौदों पर हस्ताक्षर करने के लिए अपने रक्षा मंत्री की पीठ थपथपाते हैं।