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rafale deal : we chose Reliance, Dassault Aviation clarifies after hollands remarks-किसी का दबाव नहीं, खुद चुना रिलायंस को : डसाल्ट एविएशन - Sabguru News
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किसी का दबाव नहीं, खुद चुना रिलायंस को : डसाल्ट एविएशन

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किसी का दबाव नहीं, खुद चुना रिलायंस को : डसाल्ट एविएशन
rafale deal : we chose Reliance, Dassault Aviation clarifies after hollands remarks
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नई दिल्ली। फ्रांस सरकार के बाद अब राफेल विमान बनाने वाली कंपनी डसाल्ट एविएशन ने भी फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांसुआ ओलांद के बयान पर सफाई देते हुए कहा है कि राफेल विमान सौदे में ऑफसेट समझौते के तहत खुद उसने ही अनिल अंबानी नीत रिलायंस समूह की कंपनी को साझेदार बनाया था।

डसाल्ट की ओर से जारी एक वक्तव्य में कहा गया है कि यह ऑफसेट समझौता रक्षा खरीद प्रक्रिया 2016 के नियमों के तहत किया गया है। इसके तहत और मेक इन इंडिया नीति के अनुरूप डसाल्ट एविएशन ने भारत के रिलायंस समूह के साथ साझेदारी का निर्णय लिया था। यह डसाल्ट एविएशन की पसंद है और मुख्य कार्यकारी अधिकारी एरिक ट्रेपियर ने गत अप्रेल में एक साक्षात्कार में यह स्पष्ट भी किया था।

वक्तव्य में आगे कहा गया है कि इस साझेदारी के परिणामस्वरूप फरवरी 2017 में एक संयुक्त उपक्रम डसाल्ट रिलायंस एयरोस्पेस लिमिटेड बनी। डसाल्ट एविएशन और रिलायंस ने फाल्कन और राफेल विमानों के कलपूर्जे बनाने के लिए नागपुर में एक सयंत्र बनाया है।

यह वक्तव्य भारत में फ्रांस के राजदूत एलेक्जेन्डर जिग्लेर ने ट्विटर पर पोस्ट किया है। नागपुर को इसलिए चुना गया है क्योंकि यहां हवाई अड्डे के निकट जमीन उपलब्ध है जो सीधे एयरपोर्ट रनवे से जुड सकती है। वैमानिकी गतिविधियों के लिए यह शर्त जरूरी है।

फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति के बयान से भारतीय राजनीतिक हलकों में मचे बवाल के बाद फ्रांसीसी सरकार ने भी एक वक्तव्य जारी कर कहा था कि फ्रांसीसी कंपनियों को अपना भारतीय भागीदार चुनने की पूरी स्वतंत्रता है।

पूर्व राष्ट्रपति ओलांद ने कहा था कि अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज को डसाल्ट एविएशन का साझीदार बनाने का प्रस्ताव भारत सरकार ने किया था और फ्रांस के पास इसे मानने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। डसाल्ट एविएशन ने यह भी कहा है कि उसने भारत की कुछ अन्य कंपनियों के साथ भी समझौते किए हैं।