दुमका । झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने आज विमुख युवाओं से हिंसा का मार्ग त्याग कर राज्य के विकास में योगदान देने का आह्वान किया।
दास ने 70वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर दुमका पुलिस लाईन में आयोजित भव्य समाराह में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद कहा कि आतंकवाद एवं उग्रवाद देश और राज्य के विकास के मार्ग में सबसे बड़ी चुनौती है। उन्होंने विमुख युवाओं से हिंसा का रास्ता त्याग कर प्रदेश के विकास में योगदान देने का आह्वान करते हुये कहा कि झारखंड की सरकार ने इन चुनौतियों का डटकर सामना किया है, जिसके परिणामस्वरूप राज्य में उग्रवादी हिंसा की घटनाओं में काफी कमी आयी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के सफल प्रयास के कारण ही राज्य में उग्रवाद प्रभावित जिलों की संख्या 21 से घटकर 19 रह गयी है तथा अति उग्रवाद प्रभावित जिले की संख्या 16 से घटकर 13 हो गयी है। रामगढ़ और कोडरमा जिले को उग्रवाद मुक्त जिला होने की अनुशंसा केन्द्र सरकार से की गयी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सुरक्षा उपायों को विकास कार्यों से जोड़कर सकारात्मक राजनीति की शुरूआत की है।
दास ने कहा कि सुरक्षा बल नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाने के साथ विकास कार्य में भी योगदान कर रहे है। सुदृढ़ विधि व्यवस्था से ही कल्याणकारी और विकास की योजनाओं के निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त कर आम जनता का सर्वागींण विकास किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार जैसी जटिल समस्या से निपटने के लिए कठोर कदम उठाये हैं। भ्रष्टाचार के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई करने के लिए राज्य में भ्रष्टाचार निगरानी ब्यूरो का पुनर्गठन किया गया है।
मुख्यमंत्री ने अन्नदाता किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए राज्य में कृषि आर्शीवाद योजना शुरू करने और किसानों काे उन्नत तकनीक का प्रशिक्षण उपलब्ध कराने की चर्चा करते हुए कहा कि झारखंड इकलौता ऐसा राज्य है जहां किसानों की फसल बीमा के प्रीमियम का भुगतान राज्य सरकार करती है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2019-20 में राज्य के किसानों का मुफ्त फसल बीमा कराया जायेगा।
दास ने पुनः दावा किया कि उनकी सरकार के चार साल के प्रयास से राज्य की कृषि विकास दर में 19.07 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि राज्य में 102 पुरानी वृहद औेर मध्यम सिंचाई योजनाओं की सिंचाई क्षमता में रख-रखाव एवं मरम्मति के अभाव में लगभग 40 प्रतिशत की गिरावट आयी थी।
उनकी सरकार ने इन सभी पुरानी सिंचाई योजनाओं का शत-प्रतिशत जीर्णोद्धार कराने का निर्णय लिया है, जिससे सृजित क्षमता के अनुसार सिंचाई का लाभ लिया जा सके। इसके तहत राज्य में अभी तक 50 सिंचाई योजनाओं के जीर्णोद्धार का कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है। इसके अलावे राज्य में किसानों की समृद्धि के लिए सुजलाम सुफलाम योजना प्रारम्भ किया गया है।