Warning: Constant WP_MEMORY_LIMIT already defined in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/18-22/wp-config.php on line 46
Rahul and Priyanka can not save biggest defeat of Congress candidates - राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी नहीं बचा सके कांग्रेस प्रत्याशियों की सबसे बड़ी हार - Sabguru News
होम Madhya Pradesh Bhopal राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी नहीं बचा सके कांग्रेस प्रत्याशियों की सबसे बड़ी हार

राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी नहीं बचा सके कांग्रेस प्रत्याशियों की सबसे बड़ी हार

0
राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी नहीं बचा सके कांग्रेस प्रत्याशियों की सबसे बड़ी हार
Rahul and Priyanka can not save biggest defeat of Congress candidates
Rahul and Priyanka can not save biggest defeat of Congress candidates
Rahul and Priyanka can not save biggest defeat of Congress candidates

भोपाल। करीब छह महीने पहले में मध्यप्रदेश को अपने कब्जे में लेने से उत्साह से भरी कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश के परंपरागत गढ़ों में अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को प्रचार के मैदान में उतारा, लेकिन इन दोनों की अपील भी होशंगाबाद और इंदौर जैसे संसदीय क्षेत्रों पर पार्टी प्रत्याशियों की रिकॉर्ड हार को नहीं बचा पाई।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रदेश के छह दिन के दौरे में करीब 19 संसदीय क्षेत्रों के मतदाताओं से उनका संपर्क हुआ। इस दौरान उनकी नौ सभाएं हुईं। वहीं भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भी प्रदेश में आठ सभाओं के माध्यम से नौ लोकसभा क्षेत्रों के मतदाताओं तक अपनी बात पहुंचाई। दूसरी ओर गांधी और वाड्रा ने प्रचार के दौरान प्रदेश के करीब 20 संसदीय सीटों के करोड़ों मतदाताओं तक पहुंचने का प्रयास किया, लेकिन उनकी सभाओं में जुटी भीड़ मतों में तब्दील नहीं हो सकी।

मध्यप्रदेश देश के उन चुनिंदा प्रदेशों में शामिल है, जहां इस बार गांधी भी प्रचार अभियान के लिए आईं थीं। उन्होंने तीन संसदीय सीटों उज्जैन, रतलाम और इंदौर में प्रचार किया, लेकिन तीनों ही सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशी भाजपा प्रत्याशियों के आगे नहीं टिक सके। उन्होंने भाजपा के गढ़ इंदौर में एक भव्य रोड शो किया और उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में मत्था भी टेका। इसके बावजूद इंदौर से कांग्रेस प्रत्याशी को प्रदेश में दूसरी सबसे बड़ी हार का सामना करना पड़ा। यहां भाजपा के शंकर लालवानी ने करीब पांच लाख 47 हजार से ज्यादा मतों से कांग्रेस प्रत्याशी पंकज संघवी को हराया।

वहीं उज्जैन में भी कांग्रेस प्रत्याशी को करीब तीन लाख 65 हजार से ज्यादा मतों से हार का मंह देखना पड़ा। कांग्रेस इस बार अपने गढ़ रतलाम को भी नहीं बचा पाई। यहां वाड्रा के साथ अध्यक्ष गांधी का भी दौरा हुआ था।

कमोबेश यही स्थिति होशंगाबाद की रही। इस सीट पर कांग्रेस अध्यक्ष गांधी और प्रधानमंत्री मोदी की एक ही दिन एक मई को सभाएं हुईं थीं। मोदी ने संसदीय सीट के इटारसी में और गांधी ने पिपरिया में एक चुनावी सभा को संबोधित किया। यहां कांग्रेस प्रत्याशी शैलेंद्र दीवान की भाजपा प्रत्याशी उदय प्रताप सिंह से करीब पांच लाख 53 हजार से ज्यादा मतों से हार हुई, जो प्रदेश में सबसे बड़ी हार रही।

गांधी ने मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव प्रचार का आगाज नौ फरवरी को भोपाल में किसान सम्मेलन के साथ किया था। इस दौरान उन्होंने लाखों किसानों से संवाद किया। इसके बाद लोकसभा चुनाव के विभिन्न चरणों मेंं उन्होंने प्रदेश की 17 लोकसभा सीटों पर पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में प्रचार किया, लेकिन कहीं भी पार्टी प्रत्याशी नहीं जीत हासिल कर सके।

प्रदेश की ग्वालियर और मंदसौर सीट के नीमच में गांधी ने मंच से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के भाई की कर्जमाफी का जिक्र किया था। इसी दौरान उन्होंने चौहान समेत समूची भाजपा पर हमले बोले। प्रदेश की लगभग हर सभा में उन्होंने चौकीदार संबंधित विवादित नारे भी लगवाए। मंदसौर सीट से गांधी की टीम की सक्रिय सदस्य मानी जाने वाली मीनाक्षी नटराजन करीब तीन लाख मतों से भाजपा प्रत्याशी सुधीर गुप्ता से हार गईं।

गांधी करीब दो साल पहले मंदसौर में हुए किसान आंदोलन के दौरान भी यहां आए थे। पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को इस संसदीय क्षेत्र की आठ में से महज एक सीट पर विजय प्राप्त हुई है।