नई दिल्ली। भारतीय उद्योग जगत की एक सशक्त आवाज आज हमेशा के लिए शांत हो गई। बाजार उदाहारीकरण के पहले के दौर में देश के निम्न और मध्यम वर्ग के लोंगों को -हमारा बजाज से दुपहिया वाहन रखने का सपाना दिखाने वाले प्रसिद्ध उद्योगपति पद्मश्री राहुल बजाज शनिवार को अनंत की यात्रा पर निकल गए।
बजाज भारतीय संसद में राज्य सभा के सदस्य भी रहे थे। उनका 83 वर्ष की अवस्था शनिवार को पुणे में निधन हो गया। वे कैंसर से पीड़ित थे। उनका अंतिम संस्कार रविवार को किया जाएगा।
राजनीति और उद्योग जगत की हस्थियों ने बजाज के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कंपनी संचालन में उच्च मानकों और जिम्मेदारी पर उनके बल , घरेलू उद्योगों के लिए उनकी सशक्त आवाज, और भारतीय विनिर्माण उद्योग को बड़े सपने देखने का साहस दिखाने में उनके योगदान को याद किया है।
उन्होंने लोकप्रिय बजाज स्कूटर का ब्रांड नाम मेवाड़ के प्रतापी राजा महाराणा प्रताप के अश्व ‘चेतक’ के नाम पर रखा था। विज्ञापनों में इस स्कूटर को ‘हमारा बजाज’ के नारे के साथ एक परिवार की सवारी के रूप में प्रस्तुत किया जाता था। एक समय बजाज चेतक देश भर में सबसे चर्चित ब्रांड में था। इसके लिए बजार के बिक्री केंद्रों पर प्रतीक्षा सूची बहुत लम्बी हुआ करती थी। राहुल बजाज एक समय स्कूटरों के सबसे बड़े विनिर्माता बन गए थे।
उन्होंने यह सफलता ऐसे समय हासिल की थी जबकि देश में कोटा परमिट का राज था। बजाज का परिवार कांग्रेस, खास कर गांधी-नेहरू परिवार के काफी नजदीक था। उन्होंने सीआईआई एक कुछ सम्मेलनों में जिक्र तक किया था। उन्होंने इसी तरह के एक सम्मेलन में कहा था कि वह ऐसा समय था जब भारत सरकार के संयुक्त सचिव से मुलाकात के लिए दिल्ली में उद्यमियों को घंटों इंतजार करना पड़ता था।
उदारीकरण के बाद भारत में विदेशी, खास कर जापानी दुपहिया विनिर्माताओं के प्रवेश के बाद मोटरसाइकिलों की दौड़ शुरू हो गई। हमारा बजाज पिछड़ने लगा। बजाज समूह ने भी इस नई चुनौती को स्वीकार किया और जापानी कंपनियों को चुनौती देते हुए मोटरसाइकिल विनिर्माण में भी अपनी जगह बना ली है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार ने श्री बजाज को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि प्रसिद्ध स्वाधीनता सेनानी जमनालाल बजाज के इस पौत्र ने अपनी दुपहिया प्रौद्योगिकी- बजाज बाइक से समाज, विशेष रूप से गरीब और मध्य वर्ग के लोगों के जीवन में परिवर्तन किया।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के अध्यक्ष टीवी नरेंद्रन ने श्री बजाज को एक अदम्य नेता बताया। उन्होंने कहा कि बजाज वैश्विक और भारतीय अर्थव्यवस्था में गहन परिवर्तनों के दौर में, कंपनी संचालन के उच्चतम मानकों और कर्पोरेट दायित्व के पक्ष में बोलते रहे और भारतीय उद्योग जगत के सशक्त संरक्षक बने रहे।
उनके नेतृत्व में, देश में कॉरपोरेट गवर्नेंस मानदंडों को पहली बार 1998 में संहिताबद्ध किया गया था। यह काम इस महत्वपूर्ण क्षेत्र पर किसी विनियमन या कानून के अस्तित्व में आने से बहुत पहले हुआ था।
बजाज को निर्भीक और साहसी बताते हुए उद्योगमंडल सीआईआई के पूर्व अध्यक्ष एवं कोटक महिंद्रा बैंक के उदय कोटक ने कहा कि वह सत्ता के सामने सत्य बोलने का साहस करने वाले दुर्लभ व्यवसायी थे जिन पर भारत को गर्व है।
उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने कहा कि बजाज ने भारतीय उद्योग जगत में अपने अमिट पदचिह्न छोड़े हैं। बजाज का जन्म दस जून को 1938 को कोलकाता में हुआ था। वह अपने पिता कमलनयन बजाज की तीन संतानों में सबसे बड़े थे। उनके दादा जमनालाल बजाज ने बजाज कंपनी समूह की 1920 के दशक में स्थापना की थी। जमनालाल बजाज महात्मा गांधी के बहुत करीब थे।
उनके तीन बच्चे राजीव बजाज, संजीव बजाज और सुनैना केजरीवाल हैं। राहुल बजाज ने 1965 में बजाज समूह की जिम्मेदारी संभाली थी। उन्होंने अप्रैल 2001 में बजाज आटो के गैर कार्यकारी चेयमैन पद छोड़ा था। बजाज को 2001 में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया था। वह वर्ष 2006 से 2010 तक राज्यसभा के सदस्य भी रहे। उन्होंने 2008 में बजाज आटो को तीन इकाइयों – बजाज ऑटो, बजाज फिनसर्व और एक होल्डिंग कंपनी में विभाजित किया था।
Highlights About Bajaj Company owner:-
Bajaj Company Owner Name : राहुल बजाज
Birth: दस जून को 1938
Death: (12 Feb 2022)83 वर्ष