नयी दिल्ली । कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार की सोच देश के शिक्षा तंत्र को मजबूत करने के विरुद्ध है और वह शिक्षा प्रणाली को सुदृढ़ बनाने पर पैसा खर्च करने की बजाय चाहती है कि छात्र ही शिक्षा पर पैसा लगायें।
गांधी ने शनिवार को यहां विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ ‘शिक्षा दशा और दिशा’ विषय पर आयोजित विचार-विमर्श के दौरान कहा कि सरकार को शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं में मदद करनी चाहिए। भारतीय जनता पार्टी की सरकार की सोच ही शिक्षा पर पैसा लगाने की नहीं है। मोदी सरकार चाहती है कि शिक्षा पर पैसा छात्र लगायें और निजीकरण के जरिये इससे 15-20 उद्योगपतियों को मदद मिले।
उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर इशारा करते हुए आरोप लगाया कि विश्वविद्यालयों में कुलपति के पदों पर उसकी विचारधारा के लोगों को बिठाया जा रहा है। उनकी सोच है कि हिन्दुस्तान की शिक्षा प्रणाली उनका औजार बन जाए लेकिन हमारा मानना है कि सरकार को शिक्षा के लिए मदद करनी चाहिए। मतलब कि बैंक कर्ज को आसान बनाया जाना चाहिए। छात्रवृत्ति बढ़े, अधिक से अधिक छात्र विश्वविद्यालय से जुड़ें और नामांकन को आगे बढ़ाया जाना चाहिए लेकिन भाजपा के शासन में इन आंकड़ों में गिरावट आई है।
गांधी ने कहा कि देश के युवा ही वास्तव में देश को प्रगति के द्योतक हैं। देश को आगे बढ़ना है तो उसे अपने युवाओं को सशक्त बनाना है। उनका कहना था कि वह शिक्षा के सख्त ढांचे में विश्वास नहीं करते हैं बल्कि छात्रों को सशक्त बनाना चाहिए।