नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल मामले पर सुप्रीमकोर्ट में चल रही कार्यवाही का हवाला देकर दिए गए अपने बयान पर सोमवार को एक हलफनामा दाखिल करके खेद जताया और कहा कि वह भविष्य में इस तरह के बयान देने से गुरेज करेंगे।
गांधी ने सुप्रीमकोर्ट की ओर से जारी नोटिस का हलफनामे के जरिये दिए अपने जवाब में कहा कि उनके बयान का राजनीतिक विरोेधियों ने गलत इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा कि चुनावी सरगर्मी के दौरान अदालती कार्यवाही को लेकर गलत बयान दिया था, जिस पर उन्हें खेद है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि शीर्ष अदालत की राफेल लड़ाकू विमान मामले की सुनवाई जारी रखने के फैसले के संदर्भ में उन्होंने इस तरह का बयान दिया।
गांधी ने अदालत में दायर 19 पृष्ठों के हलफनामे में कहा कि राफेल मामला देश के प्रमुख राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों में से एक है। दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अन्य मंत्रियों ने दावा किया था कि सुप्रीमकोर्ट ने सरकार को क्लीन चिट दे दी है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सोशल मीडिया पर पार्टी कार्यकर्ताओं के बयानों पर उन्होंने विश्वास किया।
उल्लेखनीय है कि गांधी ने उत्तर प्रदेश के अमेठी में शीर्ष अदालत की कार्यवाही का हवाला देते हुए कहा था कि अदालत ने राफेल मामले में मान लिया है कि चौकीदार (नरेंद्र मोदी) चोर है। इसको लेकर भारतीय जनता पार्टी नेता एवं नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र से सांसद मीनाक्षी लेखी ने सुप्रीमकोर्ट में गांधी के खिलाफ आपराधिक अवमानना का मामला दायर करने संबंधी याचिका दाखिल की है। शीर्ष अदालत में इस याचिका पर सुनवाई के बाद गांधी से जवाब दाखिल करने को कहा था।