पटना। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मानहानि के एक मामले में बिहार की राजधानी पटना स्थित एक विशेष अदालत में आत्मसमर्पण किया, जहां आरोप का सारांश सुनाने के बाद उन्हें जमानत पर मुक्त कर दिया गया।
सांसदों एवं विधायकों के मामले की सुनवाई के लिए गठित विशेष न्यायालय के न्यायाधीश कुमार गुंजन की अदालत में आत्मसमर्पण करने के साथ ही गांधी की ओर से उन्हें जमानत पर मुक्त किए जाने की प्रार्थना की गई थी। याचिका पर बहस पटना उच्च न्यायालय के वरीय अधिवक्ता शशि अनुग्रह नारायण ने की।
मामले के शिकायतकर्ता बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की ओर से पटना उच्च न्यायालय के अधिवक्ता प्रमोद कुमार झा अदालत से निवेदन किया कि गांधी न्यायालय में सशरीर उपस्थित हैं इसलिए आज ही उन्हें आरोप का सारांश सुना दिया जाए और आरोप तय करने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाए। अदालत ने शिकायतकर्ता की प्रार्थना स्वीकार की और खुली अदालत में गांधी को उनपर लगाए गए मानहानि के आरोपों का सारांश अंग्रेजी में पढ़कर सुनाया।
गांधी ने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों से इनकार किया। इसके बाद अदालत ने गांधी को 10 हजार रुपए के निजी मुचलके के साथ इतनी ही राशि के दो जमानतदारों का बंध-पत्र (बॉन्ड पेपर) दाखिल करने की स्थिति में जमानत पर मुक्त किए जाने का आदेश दिया।
आरोप तय होने और जमानत आदेश पारित करने के बाद विशेष न्यायालय ने मामले में 8 अगस्त 2019 की अगली तिथि निश्चित करते हुए शिकायतकर्ता को अपना आरोप साबित करने के लिए गवाह और सबूत पेश करने को कहा है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने ली राहुल की जमानत
कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मानहानि के एक मामले में बंध-पत्र (बॉन्ड पेपर) दाखिल करने का आदेश मिलने के बाद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा और धनंजय मधु ने उनकी जमानत ली। गांधी के निजी मुचलके के साथ बंध-पत्र में प्रदेश अध्यक्ष झा और धनंजय मधु ने जमानतदार के रूप में अपना नाम दिया और संपत्ति के कागजात दिए।
गांधी की जमानत के लिए पटना आगमन के मद्देनजर व्यवस्था के संचालन के लिए भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई) के राष्ट्रीय महासचिव विरेंद्र सिंह राठौड़ सुबह दस बजे से ही न्यायालय परिसर में उपस्थित थे। गांधी के आगमन से आधे घंटे पूर्व सेवा दल के सैकड़ो सदस्य भी अदालत परिसर में पहुंच गए थे। जमानत अर्जी की सुनवाई के दौरान न्यायालय कक्ष में सैकड़ों अधिवक्ताओं के साथ कांग्रेस विधि प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष आशुतोष पांडेय भी उपस्थित थे।
क्या था मामला
गौरतलब है कि 18 अप्रेल 2019 को पटना के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदातल में बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने गांधी के खिलाफ मानहानि का एक शिकायती मुकदमा दाखिल किया था। इस मुकदमे में गांधी के चुनावी सभा के दौरान कर्नाटक के बेंगलूरु में दिए गए उस बयान को मानहानि वाला बताया गया है, जिसमें उन्होंने सवालिया लहजे में कहा था कि सभी मोदी उपनाम वाले चोर क्यों हैं। इसी मुकदमे की सुनवाई के सिलसिले में गांधी आज पटना की विशेष अदालत में पेशी के लिए आए थे।