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कांग्रेस नया अध्यक्ष चुन ले, मैं इस्तीफा दे चुका हूं : राहुल गांधी - Sabguru News
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कांग्रेस नया अध्यक्ष चुन ले, मैं इस्तीफा दे चुका हूं : राहुल गांधी

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कांग्रेस नया अध्यक्ष चुन ले, मैं इस्तीफा दे चुका हूं : राहुल गांधी

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि वह अब पार्टी के अध्यक्ष नहीं हैं इसलिए कांग्रेस को देर किए बिना नया अध्यक्ष नियुक्त कर लेना चाहिए।

गांधी ने बुधवार को यहां पत्रकारों से कहा कि वह इस्तीफा दे चुके हैं और अब कांग्रेस अध्यक्ष नहीं हैं इसलिए पार्टी को समय गवांए बिना अपना अध्यक्ष तय कर लेना चाहिए।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस को जल्द ही अपनी सर्वोच्च नीति निर्धारक इकाई कार्य समिति की बैठक बुलानी चाहिए और यह तय कर लेना चाहिए कि पार्टी का नया अध्यक्ष कौन होगा।

गौरतलब है कि श्री गांधी ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार की जिम्मेदारी लेते हुए 25 मई को कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में पद से इस्तीफा देने की पेशकश की थी लेकिन कार्य समिति ने एक स्वर से इसे अस्वीकार कर दिया था।

उसके बाद करीब 150 पार्टी पदाधिकारी उनके अध्यक्ष बने रहने के समर्थन में इस्तीफा दे चुके हैं और कार्यकर्ता उनसे पद पर बने रहने की लगातार मांग कर रहे हैं लेकिन गांधी अपने इस्तीफे पर अडे हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कई सहयोगियों ने उन्हें सुझाया है कि वह नया अध्यक्ष नामित करें लेकिन मेरे लिए यह करना ठीक नहीं होगा। हमारी पार्टी का संघर्षपूर्ण, सम्मानपूर्ण और वैभवपूर्ण इतिहास रहा है। कांग्रेस देश की आत्मा में रची बसी है और मुझे विश्वास है कि पार्टी उचित फैसला लेने में समर्थ रहेगी कि उसे कौन नेतृत्व दे सकता है और आगे बढा सकता है।

गांधी ने कहा कि जैसे ही उन्होंने पद से इस्तीफा देने की पेशकश की थी उसी दौरान पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारक इकाई कार्य समिति को उन्होंने नया अध्यक्ष तलाश करने के लिए कह दिया था। उन्होंने कहा कि मैंने उनको इस प्रतिबद्धता के साथ अधिकृत कर दिया था कि वे नया अध्यक्ष चुने और इस प्रक्रिया को पूरा करने में पार्टी नेताओं का पूरा सहयोग करूंगा।

उन्होंने कहा कि केंद्र की सत्ता में जो ताकत है उसके कारण देश में हिंसा और पीडा का माहौल पनपेगा ही। इससे देश का किसान, बेरोजगार युवा, महिलाएं, आदिवासी, दलित और अल्पसंख्यक खास तौर से पीड़ित रहेंगे। इसका असर हमारी अर्थव्यवस्था और राष्ट्रीय छवि पर भी पडेगा।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी ने 2019 का लोकसभा चुनाव सिर्फ एक राजनीतिक दल के खिलाफ नहीं लडा था बल्कि यह लडाई कांग्रेस को खत्म करने में जुटी पूरी मशीनरी और संस्थानों के विरुद्ध लडी गई थी। अब यह स्पष्ट हो गया है कि देश में अब संस्थान नहीं बच पाएंगे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का संस्थानों पर कब्ज करने का काम पूरा हो गया है और हमारे लोकतंत्र को कमजोर किया जा चुका है।

गांधी ने कहा कि उन्होंने सत्ता के लिए कभी लडाई नहीं लडी है बल्कि वह भारतीय जनता पार्टी के उस सिद्धांत के विरोधी हैं जिसको लेकर वह देश चलाना चाहती है। उनकी रग रग में भाजपा की सोच का विरोध है और यह विरोध कभी खत्म नहीं होगा।

उन्होंने कहा कि वह पूरी ताकत के साथ कांग्रेस के इस सिद्धांत और आदर्श के लिए लड़ते रहेंगे और पार्टी को जब भी उनकी जरूरत होगी वह उसमें सहयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि हमारे यहां लोगों का स्वाभाव है कि वे ताकत के लिए सत्ता से चिपके रहना चाहते हैं लेकिन कांग्रेस एक विचारधारा है और इस विचारधारा की जीत के लिए विरोधियों को परास्त करने के वास्ते सत्ता की इच्छा का त्याग आवश्यक है क्योंकि इसके बिना विरोधियों को हराया नहीं जा सकेगा।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि देश के ताने बाने को नष्ट किया जा रहा है और इसको फिर से अपनी जगह पर वापस लाना है। इस लड़ाई का नेतृत्व कांग्रेस करेगी। कांग्रेस अध्यक्ष पद पाना उनके लिए सम्मन का विषय रहा है और इस पद से हटने के बाद भी वह इस सिद्धांत की लडाई में पीछे नहीं हटेंगेे।

गौरतलब है कि गांधी ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार की जिम्मेदारी लेते हुए 25 मई को कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में पद से इस्तीफा देने की पेशकश की थी लेकिन कार्य समिति ने एक स्वर से इसे अस्वीकार कर दिया था। उसके बाद करीब 150 पार्टी पदाधिकारी उनके अध्यक्ष बने रहने के समर्थन में इस्तीफा दे चुके हैं और कार्यकर्ता उनसे पद पर बने रहने की लगातार मांग कर रहे हैं लेकिन गांधी अपने इस्तीफे पर अडे हुए हैं।