इंफाल। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को वादा किया कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो वह न्यूनतम आय गारंटी योजना की शुरुआत करेगी।
गांधी ने मणिपुर में कांग्रेस की दो सीटों को बरकरार रखने के लिए चुनावी अभियान की शुरुआत की और सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुये कहा कि कांग्रेस ने इस योजना को शुरू करने का एक क्रांतिकारी निर्णय लिया है ताकि कम आय वाले लोगों के बैंक खातों में पैसे डालकर उनकी सहायता की जा सके।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मोदी सरकार ने पूर्वोत्तर को दिये गये विशेष दर्जे को खत्म कर दिया है। मोदी सरकार ने लुक ईस्ट पॉलिसी को एक्ट ईस्ट पॉलिसी में बदला और फिर इसे नजरअंदाज किया। अब समय आ गया है कि मणिपुर और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों को रोजगार सृजन का केंद्र और एशिया और भारत के बीच का सेतु बनाया जाए। यह मणिपुर और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों की नियति है।
गांधी ने कहा कि कांग्रेस पूर्वोत्तर राज्यों के लोगों पर भाजपा और आरएसएस को अपनी विचारधाराएं थोपने की अनुमति नहीं देगी। पार्टी नागपुर को क्षेत्र के लोगों का भाग्य तय करने और उनकी संस्कृति, इतिहास और भाषा को बर्बाद करने की अनुमति नहीं देगी।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं को वर्तमान समय में चल रहे वैचारिक युद्ध को लड़ना चाहिए। भाजपा और आरएसएस के दृष्टिकोण को थोपे जाने का विरोध होना चाहिए और लोगों को अपने इतिहास और संस्कृति का जश्न मानने के लिए सक्षम होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस यह समझती है कि प्रत्येक राज्य अद्वितीय है और यह खासियत लोगों को विभाजित करने और उनकी भावनाओं को आहत करने के ‘नफरत के दूत’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयास के खिलाफ लड़ाई में मदद करेगा।
कांग्रेस सरकार नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) का राज्य सभा में समर्थन नहीं करेगी। कांग्रेस कभी भी इस विधेयक को अधिनियम बनने नहीं देगी। कांग्रेस अध्यक्ष के इस संबोधन के बीच राहुल गांधी भारत के अगले प्रधानमंत्री होंगे जैसे नारे भी लग रहे थे।
राहुल गांधी ने कहा कि सबसे बड़ी चुनौती नौकरियों का सृजन करना है क्योंकि नवीनतम आंकड़ों से पता चला है कि पिछले वर्ष प्रत्येक दिन 30,000 नौकरियां चली गईं जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रत्येक वर्ष दो लाख करोड़ नौकिरयां के सृजन की घोषण की थी। यह प्रधानमंत्री की अक्षमता का सबूत है।