नई दिल्ली। कांग्रेस ने सत्ता में आने पर अर्थव्यवस्था में सरकार तथा नौकरशाही का हस्तक्षेप समाप्त करने, देश को विनिर्माण तथा नवाचार का केंद्र बनाने और छोटे तथा मध्यम उद्योगों को पुनर्स्थापित करने का वादा किया है।
कांग्रेस द्वारा मंगलवार को जारी घोषणापत्र में कहा गया है कि भारत को अगले पांच वर्ष में विनिर्माण का हिस्सा 16 प्रतिशत से 25 प्रतिशत तक करना चाहिए। कोई भी चीज जो दूसरे देशों में बन सकती है उसे भारत में भी बनाया जा सकता है। उन सभी नीतियों, नियमों और कर प्रणाली में सुधार के साथ-साथ उद्यमशीलता को पुरस्कृत किया जायेगा ताकि भारत को विनिर्माण का वैश्विक केन्द्र बनाया जा सके।
इसमें वादा किया गया है कि कांग्रेस नए व्यापार और व्यापारियों को पुरस्कृत तथा प्रोत्साहित करेगी। स्टार्टअप पर लगाया गया ‘एंजेल टैक्स’ पूरी तरह समाप्त किया जाएगा। कांग्रेस भारत को एक नवोत्पाद तथा नवाचार केन्द्र के रूप में विकसित करेगी।
घोषणापत्र में कहा गया है कि देश की अर्थव्यवस्था अब भी अत्यधिक नियमों में जकड़ी हुई है। संरचनात्मक समस्याएं बरकरार हैं। सरकारी नियंत्रण और नौकरशाही का हस्तक्षेप बहुत अधिक है। नियमों ने नियंत्रक का रूप ले रखा है। आर्थिक नीतियों में न्यायालयों का हस्तक्षेप बढ़ रहा है।
कांग्रेस इन विकृतियों में सुधार करने, उन्हें पूर्ववत करने और एक खुली तथा उदार बाजार अर्थव्यवस्था बहाल करने का वादा करती है। नोटबंदी एवं दोषपूर्ण वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के कारण बुरी तरह प्रभावित हुए छोटे एवं मध्यम श्रेणी के उद्योगों को पुनर्जीवित और पुनर्स्थापित करने के लिए नई योजना बनाई जाएगी।
घोषणापत्र में मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों की जमकर आलोचना करते हुये कहा गया है कि कांग्रेस इससे बिल्कुल अलग मॉडल पर काम करेगी। घोषणापत्र में अपने विचार व्यक्त करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लिखा है कि पिछले पांच वर्ष में भाजपा सरकार के मोदी मॉडल के अन्तर्गत इस देश को भारी सामाजिक और आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है।
इसने हमारी अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया है, किसानों को बर्बाद कर दिया है, छोटे और मध्यम व्यवसायों को नष्ट कर दिया, जिसके कारण बेरोजगारी अपने चरम पर है और इन सबसे ऊपर इस मॉडल ने समाज में वैमनस्यता, नफरत और भय का माहौल पैदा कर दिया है। इसने अधिकांश भारतीयों से, उनकी गरिमा, विश्वास और आवाज छीन ली है। इस मॉडल की भारत को जरूरत नहीं है।
गांधी ने कहा है कि कांग्रेस का मॉडल भाजपा के मॉडल से बिल्कुल अलग है। कांग्रेस ने हमेशा से सुधारात्मक विकास, समावेशी वृद्धि और उत्तरदायी शासन दिया है जिसने भारतीय गणतंत्र को मजबूत किया है। पार्टी ने उदारीकरण और आर्थिक सुधारों की शुरुआत की, सफल मध्यमवर्ग और नये उद्यमी वर्ग का निर्माण किया, गरीबों के लिए सामाजिक सुरक्षा का व्यापक आधार तैयार करने के लिए अधिकार आधारित कानूनों को संसद से पारित करवाया। कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने 2004 से 2014 के दौरान 14 करोड़ भारतीयों को गरीबी के कुचक्र से बाहर निकाला।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मनमाने ढंग से अकेले ही नोटबंदी का फैसला करके देश की अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया। लाखों लोगों का रोजगार खत्म हो गया, उद्यमी-उद्यम और मजदूर कर्ज के जंजाल में फंस गए और सबसे बड़ी बात देश की जनता को चार लाख करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा। उसके पश्चात, बिना सोचे-समझे और जल्दबाजी में जीएसटी लागू कर दिया, जिसके नियम उटपटांग तरीके से लगभग हर रोज बदले गए हैं।
अधिकारियों को दी गई मनमानी शक्तियों के कारण इंस्पेक्टर राज की वापसी हो गई है। कर आतंकवाद ने हमारे उद्यमियों की आत्मा को कुचल दिया है। इन सबके कारण किसानों, छोटे व्यापारियों, उद्यमियों, असंगठित क्षेत्र में कार्यरत मजदूरों का जीवन और आजिविका पूरी तरह से नष्ट हो गई है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा है कि उसकी सरकार बनने पर पार्टी यह सुनिश्चित करेगी कि पिछले पाँच साल में जो ज्यादातियां या गलतियां हुई हैं उन्हें सुधार कर एक ऐसी अर्थव्यवस्था को पुनः स्थापित किया जाएगा, जो सबके लिए हो और जिसमें कोई भी व्यक्ति पीछे न छूट जाए।