नई दिल्ली। कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी ने महंगाई को लेकर शनिवार को केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार जनता को लूट रही है। गांधी ने खुदरा मुद्रास्फिति में उछाल को मुद्दा बनाते हुए यह भी कहा कि लोगों को बैंको में जमा अपने धन पर महंगाई दर की तुलना में पूरा ब्याज भी नहीं मिल रहा है।
गौरतलब है कि मार्च में खुदरा मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फिति 6.95 प्रतिशत पर पहुंच गई, जबकि रिजर्व बैंक को इससे दो-छह प्रतिशत के दायरे में रखने की जिम्मेदारी दी गई है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गांधी ने ‘जन धन लूट योजना’ हैशटौग से ट्विट में कहा कि मुद्रास्फिति की दर: 6.95 प्रतिशत। एफडी (मियादी जमा) ब्याज दर: पांच प्रतिशत। बैंक खातों में 15 लाख जमा करने के बाद भूल जाइए, प्रधानंमंत्री नरेंद्र मोदी की तुरुप की चाल ने आपके गढ़ी कमाई की बचत को भी उड़ा दिया है।
इस बीच पार्टी के एक प्रवक्ता ने सरकार से महंगाई पर श्वेत पत्र लाने की मांग की है। महंगाई के मुद्दे पर कांग्रेस के प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने शनिवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि महंगाई के सवाल पर चर्चा पेट्रोल डीजल और गैस पर अटक जाती है लेकिन आम जरूरत की चीजों के दामों में 2014 से अब तक उससे भी ज्यादा इजाफा हुआ है।
उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि इस दौरान आटा, चाय पत्ति, सब्जियों और दूध जैसी खाने-पीनों की जरुरी समानों के दाम काफी बढ़ गए हैं। उन्होंने कहा कि आठ साल के दौरान उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) में शामिल 299 में से 232 चीजों के दामों में वृद्धि पेट्रोलियम उत्पादों से ज्यादा रही है। पिछले दो साल में घर चलाने का खर्च 44 प्रतिशत बढ़ गया है।
उन्होंने सरकार से महंगाई पर एक श्वेत पत्र लाने की मांग करते हुए कहा कि महंगाई के चलते देश में लोग भूख और कुपोषण का शिकार हो रहे हैं और भारत की स्थिति भुखमरी सूचकांक में बंगलादेश और पाकिस्तान से नीचे है।
उन्होंने कहा कि पिछले आठ साल में दूध 40 प्रतिशत, घी 38 प्रतिशत, खाद्य तेल 96 प्रतिशत, आटा 27 प्रतिशत, दाल, सब्जि 56 प्रतिशत तक और अस्पताल खर्च तथा दवाईयां क्रमश: 71 और 55 प्रतिशत महंगे हो चुके हैं।
सुश्री सुप्रिया ने कहा कि ऐसे समय में जबकि 85 प्रतिशत लोगों की आय घटी है सरकार बताए की वह महंगाई रोकने के लिए क्या कर रही है। उन्होंने समान नागरिक संहिता के सवाल पर कहा कि यह भाजपा का चुनावी शिगूफा है।
उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर संविधान सम्मत किसी भी बात से हमे कोई आपत्ति नहीं हैं लेकिन गृह मंत्री को बताना चाहिए कि क्या भाजपा के सभी सहयोगी दल इस मामले पर उनके साथ हैं।
अलवर (राजस्थान) में सरकार द्वारा मंदिर ढाहे जाने को लेकर अशोक गहलोत सरकार की आलोचना के बारे में उन्होंने कहा कि अलवर नगर निगम में भाजपा का बहुमत है और वहां सड़क चौड़ी करने का प्रस्ताव वसुंधरा सरकार के समय का था।
उन्होंने यह भी कहा कि बनारस और गुजरात में भी विकास के नाम पर कई मंदिर हटाए गए, लेकिन दूसरे पार्टी के सरकारों वाले राज्य में ऐसे मामलों को संप्रदायिक रंग दिया जाने लगता है।