अमेठी। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नामांकन पत्र को लेकर दाखिल की गई आपत्तियों को निर्वाचन अधिकारी ने खारिज कर दिया है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दस अप्रेल को चार सेट में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था। शनिवार को नामांकन पत्र की जांच के दौरान बहुजन मुक्ति पार्टी के अफजाल वारिस, निर्दलीय ध्रुवलाल, सुरेश कुमार शुक्ल व सुरेश चंद्र यादव ने अपने-अपने अधिवक्ताओं के माध्यम से निर्वाचन अधिकारी डॉ. राम मनोहर मिश्र के समक्ष लिखित आपत्तियां दाखिल कर कांग्रेस प्रत्याशी राहुल गांधी का नामांकन पत्र अवैध घोषित करने की मांग की थी।
आपत्ति दाखिल होने के बाद गांधी के अधिवक्ता राहुल कौशिक ने निर्वाचन अधिकारी से आरोपों का खंडन करने के लिए दो दिन का समय मांगा था। अधिवक्ता के अनुरोध पर इस मामले में स्थगन आदेश जारी करते हुए आरोपों के संबंध में अंतिम सुनवाई के लिए 22 अप्रेल की सुबह 10:30 बजे का समय नियत किया था।
इस मामले पर सुनवाई सोमवार सुबह 10:30 बजे से अमेठी के जिलाधिकारी के नामांकन कक्ष में शुरू हुई। जिसमें दोनों की पक्षों के वकील मौजूद थे। गांधी के वकील के सी कौशिक ने सभी आरोपों का जवाब दिया। जिसके आधार पर अमेठी संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के निर्वाचन अधिकारी डॉ राम मनोहर मिश्र ने आपत्तियों को खारिज करते हुए नामांकन वैध करार दिया।
राहुल गांधी के वकील केसी कौशिक ने पत्रकारों से यहां बताया कि कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष भारत में पैदा हुए। उनके पास भारतीय पासपोर्ट है। उन्होंने कभी भी किसी अन्य देश की नागरिकता नहीं ली। गांधी ने 1995 में कैंब्रिज विश्वविद्यालय से एमफिल की डिग्री ली है।
उन्होंने बताया कि चारों आपत्तिकर्ताओं ने गांधी की नागरिकता, उनकी एमफिल की डिग्री व उसमें दर्ज नाम में अंतर, एमफिल की डिग्री से पहले की शैक्षिक योग्यता के कॉलम में संस्थान का नाम नहीं डालने, शपथ पत्र में लगे स्टांप को दिल्ली से खरीदने व चल संपत्ति के कॉलम को रिक्त रखने के साथ ही नामांकन पत्र में ब्रिटेन की उनकी कंपनी की प्रॉपर्टी शो नहीं करने का आरोप लगाया था।
सुबह राहुल गांधी की ओर से आपत्ति का जवाब दाखिल होने के बाद निर्वाचन अधिकारी ने अपना फैसला सुनाते हुए सभी आपित्तयों को खारिज कर दिया।