नयी दिल्ली । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की वरिष्ठ नेता एवं केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने मीडिया में आई रिपोर्टों का हवाला देते हुये बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी पर रक्षा सौदे के दलालों के साथ साँठ-गाँठ का आरोप लगाया।
ईरानी ने यहाँ एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी के दौरान जो दस्तावेज बरामद हुये हैं उनमें यह तथ्य सामने आया है कि राहुल गाँधी ने हरियाणा के एच.एल. पहवा से जमीन खरीदी थी। गाँधी की बहन प्रियंका गाँधी वाड्रा और उनके जीजा राबर्ट वाड्रा के संबंध में भी कागजात बरामद हुये हैं। पहवा रक्षा सौदों के दलाल संजय भंडारी के एक नजदीकी सी.सी. थंपी का कर्मचारी है।
भाजपा नेता ने कहा कि अब तक यह माना जा रहा था कि सिर्फ भंडारी और वाड्रा के बीच वित्तीय संबंध हैं, लेकिन अब यह स्थापित हो गया है कि भंडारी के संबंध गाँधी से भी हैं। उन्होंने कहा कि गाँधी को जवाब देना चाहिये कि उनके रक्षा सौदों के दलाल से क्या संबंध हैं। क्या इसीलिए वह देश के रक्षा सौदों में इतनी रुचि ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि मीडिया रिपोर्टों से यह साफ है कि रक्षा सौदों में राहुल की रुचि सिर्फ राजनीतिक कारणों से नहीं है; उनका वित्तीय हित भी इससे जुड़ा हुआ है।
गैटिंग ने बताया कि दुनियाभर के मौजूदा खिलाड़ियों से उनकी राय मांगी गयी थी जिसमें भारतीय कप्तान विराट कोहली भी शामिल थे। विराट ने गत वर्ष वेस्टइंडीज़ के साथ घरेलू टेस्ट सीरीज़ के दौरान एसजी गेंदों के उपयोग पर नाराज़गी जतायी थी। इसके अलावा भारतीय ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने भी लाल ड्यूक गेंदों के इस्तेमाल पर अपनी हरी झंडी दी है जो पिछले कई वर्षाें से काउंटी क्रिकेट में इस्तेमाल कर रहे हैं।
एमसीसी समिति के प्रमुख ने कहा,“हमने विराट कोहली जैसे खिलाड़ियों अौर उनकी पसंद को ध्यान में रखा है। इन जैसे बड़े खिलाड़ियों ने ड्यूक गेंदों को तरजीह दी है और उसे एक अच्छे स्तर की गेंद माना है, हम आगे इसका ध्यान रखेंगे और इसके इस्तेमाल को महत्व देंगे। इससे सपाट विकेट पर भी बल्लेबाज़ और गेंदबाज़ों के पास समान मौका मिलेगा। हमारे लिये खिलाड़ियों की राय जरूरी है क्योंकि अंतत: उन्हें ही इन गेंदों से खेलना होगा।”
समय बर्बादी रोकने के लिये होगा टाइमर एमसीसी समिति ने टेस्ट क्रिकेट के धीमे खेल में तेज़ी लाने के लिये ‘टाइमर’ के इस्तेमाल की भी सिफारिश की है। समिति ने प्रस्ताव में कहा कि स्कोरबार्ड पर टाइमर लगाया जाएगा और ओवर समाप्ति के बाद नये बल्लेबाज़ के स्ट्राइक पर आने के लिये 60 सेकंड का समय और गेंदबाज़ के बदलाव के लिये 80 सेकंड का समय निर्धारित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि दोनों में से यदि कोई भी टीम खेल के लिये तैयार नहीं होगी उसे चेतावनी जारी की जाएगी। यदि आगे भी किसी टीम से देरी की जाती है तो पारी में उन्हें पांच रन की पेनल्टी दी जा सकती है, यह पांच रन विपक्षी टीम को दे दिये जाएंगे।
समिति के अनुसार इसी तरह के टाइमर का उपयोग विकेट गिरने , ड्रैसिंग रूम से पिच तक खिलाड़ी के पहुंचने (दूरी के अनुसार) और ड्रिंक्स ब्रेक के दौरान भी किया जाएगा। बल्लेबाज़ और फील्डरों को घड़ी के शून्य तक पहुंचने तक अपनी स्थिति में बरकरार रहना होगा।
इसके अलावा अंपायर समीक्षा प्रणाली(डीआरएस) के उपयोग के दौरान भी समय का ध्यान रखा जाएगा। उदाहरण के तौर पर पगबाधा की जांच के लिये ‘बॉल ट्रैकिंग सिस्टम’ के इस्तेमाल के बाद टीवी अंपायर को तुरंत निर्णय की जानकारी दी जाएगी ताकि समय की बर्बादी न हो।