नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर पिछले लोकसभा चुनाव में लोगों से झूठे वादे करने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि पार्टी के घोषणा पत्र में एक भी झूठा वादा नहीं किया गया है और यह पूरी तरह सच्चाई तथा लोगों की आकांक्षाओं पर आधारित है।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदम्बरम और पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी की मौजूदगी में लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी का घोषणा पत्र ‘जन आवाज’ जारी करते हुए गांधी ने कहा कि यह दस्तावेज बंद कमरे में बैठकर नहीं बल्कि देश के कोने-कोने में बैठे लाखों लोगों से बातचीत के आधार पर तैयार किया गया है।
उन्होंने कहा कि घोषणा पत्र समिति से साफ-साफ कह दिया गया था कि पार्टी ऐसा कोई वादा नहीं करेगी जिसे पूरा करना संभव नहीं है। इसीलिए केवल ऐसे वादे किए गए हैं जाे वास्तविक रूप से पूरे किए जा सकें।
उन्होंने कहा कि घोषणा पत्र में रोजगार, न्यूनतम आय योजना (न्याय), मनरेगा, किसान, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे प्रमुख मुद्दे शामिल हैं। देश के 20 प्रतिशत सबसे गरीब परिवारों को हर साल 72 हजार रूपए सीधे उनके खाते में देने की घोषणा करते हुए उन्होंने नारा दिया कि गरीबी पर वार,72 हजार।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हर व्यक्ति के खाते में 15 लाख रूपए डालने का झूठा वादा किया था लेकिन कांग्रेस पूरी तैयारी के साथ यह वादा कर रही है कि ‘न्याय’ के वादे को पूरा किया जाएगा।
कांग्रेस अध्यक्ष ने ऐलान किया कि किसानों के लिए अलग से बजट की व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा कर्ज नहीं लौटाने वाले किसानों पर आपराधिक मामला दर्ज नहीं किया जाएगा।
गांधी ने कहा कि मोदी ने हर साल दो करोड़ रोजगार देने का वादा किया था लेकिन कांग्रेस इस तरह का झूठा वादा नहीं कर रही है। कांग्रेस ने वास्तविकता का पता लगाया है और इसी आधार पर वह वादा कर रही है कि सरकारी क्षेत्र में 22 लाख खाली पदों को वर्ष 2020 तक भरा जायेगा। ग्राम पंचायतों में 10 लाख युवाओं को रोजगार दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि मोदी ने कांग्रेस सरकार की मनरेगा योजना की आलोचना की थी लेकिन कांग्रेस इस योजना को आगे बढाते हुए इसके तहत अब 100 के बजाय 150 दिन के रोजगार की गारंटी देगी। शिक्षा पर सकल घरेलू उत्पाद का 6 प्रतिशत खर्च करने का भी कांग्रेस ने वादा किया है।