नयी दिल्ली | भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से अपने आरक्षित रिजर्व से सरकार को 1.76 लाख करोड़ रुपए देने के मामले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर हमला करते हुए कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री एवं वित्त मंत्री दोनों को पता नहीं है कि आर्थिक संकट से कैसे निपटा जाये।
गांधी ने सोशल मीडिया पर अपनी एक पोस्ट में कहा, “प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को पता नहीं है कि उनके द्वारा उत्पन्न आर्थिक संकट से कैसे निपटा जाये।” उन्होंने लिखा, “आरबीआई से चुराने से काम नहीं चलेगा। यह वैसे ही है कि एक डिस्पेंसरी से एक बैण्डएड चुरा कर गोली से बने घाव पर लगा दिया जाये।” गांधी ने अपने ट्वीट में हैशटैग ‘आरबीआई लूट’ लिखा।
आरबीआई ने सोमवार को निर्णय लिया कि वह अपने आरक्षित कोष से वर्ष 2018-19 के लिए एक लाख 23 हजार 414 करोड़ रुपए तथा आर्थिक पूंजीगत फ्रेमवर्क पर बिमल जालान कमेटी की सिफारिश के अनुरूप अतिरिक्त 52 हजार 637 करोड़ रुपए केन्द्र सरकार को जारी करेगा।
इस मुद्दे पर कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए सवाल किया कि क्या यह एक महज संयोग है कि सरकार द्वारा आरबीआई से लिये गये एक लाख 76 हजार करोड़ रुपए बजट गणनाओं में लापता आंकड़ें के बराबर है। क्या यह राजकोषीय बुद्धिमत्ता है या फिर राजकोषीय चालाकी?
सुरजेवाला ने यह भी पूछा कि क्या इस पैसे का उपयोग भारतीय जनता पार्टी के मित्रों को बचाने के लिए किया जाएगा। मोदी सरकार ने आरबीआई के मायने ही बदल दिये हैं। आरक्षित कोष को अत्यंत आपात स्थिति या युद्ध की स्थिति में ही निकाला जाता है लेकिन भाजपा सरकार ने अपने कुप्रबंधन को छिपाने के लिए यह भयंकर भूल की है। भाजपा ने आरबीआई की विश्वसनीयता को खत्म कर दिया है।