नई दिल्ली। रेल सुरक्षा बल ने बीते त्योहार के सीज़न में फर्जी पहचान के आधार पर टिकट बुकिंग करके रेलवे के राजस्व को चूना लगाने वालों के खिलाफ एक व्यापक अभियान चला कर 528 लोगों को गिरफ्तार किया है और तकरीबन सवा तीन करोड़ रुपए के कथित फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया है।
आरपीएफ के महानिदेशक अरुण कुमार ने सोमवार को यह जानकारी दी और आम लोगों को आगाह किया कि वे एजेंटों से टिकट बुक करवाते समय सावधानी बरतें और वैध आईडी पर ही टिकट बुक करवाएं अन्यथा पकड़े जाने पर रेलवे अपने सिस्टम पर उनके टिकट रद्द कर देगी और पैसा वापस भी नहीं करेगी।
कुमार ने बताया कि आरपीएफ, भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी), रेलवे सूचना प्रणाली केन्द्र (क्रिस) और रेलवे के वाणिज्य विभाग का एक चतुर्पक्षीय प्रकोष्ठ स्थायी रूप से गठित किया गया है जो चौबीसों घंटे रेलवे की बुकिंग प्रणाली की सघन निगरानी कर रहा है।
उन्होंने कहा कि गत 26 अक्टूबर से आज चार नवंबर के दौरान चलाए गए इस अभियान में बीते तीन माह के दौरान 14 से अधिक टिकट बुकिंग कराने वाले लोगों की आईडी एवं उनके सिस्टम के आईपी पते के माध्यम से ठिकाने की पहचान करके छापे मारे गए।
गिरफ्तार 528 लोगों में 65 क्षेत्रीय अधिकृत विक्रेता (आरएसपी) शामिल हैं जिन्होंने रेलवे को कमीशन के भुगतान नहीं करने और तत्काल बुकिंग पर एजेंट के प्रतिबंध से बचने के लिए फर्जी ईमेल आईडी बना कर बड़े पैमाने पर टिकट बुक किये और रेलवे को राजस्व नुकसान पहुंचाया। इन 65 आरएसपी में से 59 को ब्लैकलिस्टेड कर दिया गया है। बाकी पर कार्रवाई की जा रही है।
उन्होंने इस बात पर भी हैरानी जाहिर की कि 463 लोग ऐसे हैं जो अधिकृत बुकिंग एजेंट नहीं हैं और निजी आईडी बनाकर ऑनलाइन टिकट बुकिंग का धंधा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि रेलवे का यह नया चतुर्पक्षीय प्रकोष्ठ लगातार निगरानी कर रहा है और अभी तक 472 पतों को ब्लॉक किए गए हैं। 1115 स्थानों पर आरपीएफ ने प्रत्यक्ष जांच की है। 2801 ऐसे टिकट पाए गए जिन पर पाए जाने के समय के बाद यात्रा होनी थी।
इन 2801 टिकटों को रद्द कर दिया गया और उनका कुल मूल्य 70 लाख 14 हजार 580 रुपए था। जबकि 15 हजार 426 टिकटों पर यात्रा हो चुकी थी। उनका कुल मूल्य दो करोड़ 52 लाख रुपए के आसपास है। यानी कुल मिला कर तीन करोड़ 22 लाख रुपए के आसपास की धांधली हुई है। रेलवे को राजस्व के नुकसान का अभी आकलन किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि अब तक 528 आरोपी पकड़े गए हैं और 37 अन्य फरार हैं। 519 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। इन लोगों पर रेल अधिनियम की धारा 143 के तहत विधिक कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस अभियान में 2720 निजी आईडी में गड़बड़ी पकड़ी गई है।
पत्रकारों के सवालों के जवाब में उन्होंने बताया कि सर्वाधिक 121 पते दक्षिण रेलवे के अंतर्गत ब्लॉक किये गये हैं जबकि 490 टिकट मध्य रेलवे के अंतर्गत बुक किये गये। सर्वाधिक 17 आरएसपी उत्तर रेलवे में ब्लैकलिस्टेड किए गए हैं।
एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि फर्जी आईडी पर यात्रा करने वाले लोगों पर केस चलाया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि प्रत्येक टिकट के पीछे चेतावनी प्रकाशित की जाती है कि फर्जी विवरण के आधार पर टिकट खरीदना अपराध है।
उन्होंने यह भी बताया कि रेल अधिनियम में आगामी शीतकालीन सत्र में संशोधन किया जाना है जिसमें इस अपराध के लिए जुर्माने की राशि 10 हजार रुपए से बढ़ाकर 50 हजार रुपए करने का प्रस्ताव किया जाएगा। कारावास की सजा छह महीने ही रखी जाएगी।