जयपुर। राजस्थान में 49 नगर निकाय चुनाव में कांग्रेस 961 वार्डों में चुनाव जीतकर बड़ी सफलता हासिल की है जबकि भाजपा 737 वार्डों में ही जीत हासिल कर पाई है।
आज चुनाव परिणाम आने के बाद कांग्रेस 49 नगर निकायों में कम से कम 36 पर बोर्ड बनाने की स्थिति में आ गई है जबकि भाजपा को छह पर ही संतोष करना पड़ सकता है। इसके अलावा निर्दलियों की जोड़ तोड़ से बोर्ड बनाने में कांग्रेस और भाजपा पूरा दम लगाएगी।
भरतपुर नगर परिषद एवं रूपवास नगर पालिका में कांग्रेस का बहुमत नहीं आने के बावजूद निर्दलियों की मदद से बोर्ड बनना करीब तय है। भरतपुर में भाजपा के चार पार्षद भी कांग्रेस को समर्थन देने को आगे आ गए हैं। इसी तरह भाजपा का गढ़ माने जाने वाले पाली में भी कांग्रेस 14 निर्दलियों की मदद से बोर्ड बना सकती है।
उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के विधानसभा क्षेत्र टोंक में कांग्रेस 27 वार्डों में जीतकर आगे है, लेकिन यहां भाजपा ने भी 23 वार्ड में जीत दर्ज की है। 10 निर्दलीय किसी भी पार्टी का बोर्ड बना सकते हैं।
सत्तारूढ़ कांग्रेस बोर्ड बनाने में काफी आगे है तथा निर्दलियों का समर्थन जुटाया जा रहा है। भरतपुर जिले के महुवा में निर्दलीय सबसे ज्यादा जीतकर आये हैं, लेकिन दूसरे स्थान पर कांग्रेस रही है। लिहाजा यहां भी कांग्रेस का बोर्ड बन सकता है।
झुंझुनूं जिले के पिलानी में कांग्रेस और भाजपा को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा है जहां 35 वार्डों में से भाजपा को तीन और कांग्रेस मात्र दो ही वार्डों में जीत पाई हैं। 30 वार्डों में निर्दलियों का दबदबा रहा।
निकायों में अध्यक्ष का चुनाव 26 नवम्बर को अध्यक्ष का तथा 27 नवम्बर को उपाध्यक्ष के चुनाव होंगे। इससे पहले दोनों दल अपने अपने पार्षदों को गोलबंद करने तथा एक दूसरे में सेंध लगाने की पूरी कोशिश करेंगे।
मुख्यमंत्री ने निकाय चुनाव परिणामों को सुखद बताया
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने निकाय चुनाव में कांग्रेस को मिली सफलता को सुखद बताते हुए कहा है कि यह संवेदनशील, जवाबदेह, पारदर्शी और सुशासन पर जनता की मुहर है। गहलोत ने आज निकाय चुनाव परिणाम पर संतोष जताते हुए मतदाताओं का आभार व्यक्त किया है।
उन्होंने कहा कि जिला परिषद उपचुनाव पंचायती राज उपचुनाव तथा विधानसभा उपचुनाव के बाद निकाय चुनाव में भी सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं और विकास कार्यों को समर्थन देकर हमारी प्रतिबद्धताओंं को और मजबूत किया है।