अजमेर। कृषि मंत्रालय भारत सरकार के निर्देशानुसार प्रदेश में 20वीं पशुगणना दिनांक एक अक्टूबर 2018 को शुरू होंगी। इस साल नस्लवार पशुगणना की जाएगी तथा साथ ही पशुपालकों की आर्थिक स्थिति तथा शैक्षिक भी जानकारी ली जाएगी।
राजस्थान के राज्य पशुगणना अधिकारी एवं राजस्व मंडल के संयुक्त निदेशक सांख्यिकी भंवरलाल ने बताया कि कृषि मंत्रालय भारत सरकार की ओर से सभी राज्यों में पशुगणना प्रति पांच साल के अंतराल में करवाई जाती है। इस बार 20वीं पशुगणना के तहत राजस्थान में भी एक अक्टूबर से पशुगणना शुरू होगी। इस बार पशुगणना में डेढ़ साल का विलम्ब हुआ है।
यह देरी पशुगणना के लिए बनाए गए नए सॉफ्टवेयर व टेबलेट के कारण हुई है। इस बार पशुगणना ब्रीड वाइज होनी है साथ ही इसमें पशुपालन के तकनीकी कर्मचारियों को लगाया जाएगा। मूलतः यह कार्य पशुपालन विभाग का है लेकिन राजस्थान मे यह पशुगणना राजस्व मंडल राजस्थान अजमेर के निर्देशन मे कराई जा रही है।
मंडल में सांख्यिकी विभाग के संयुक्त निदेशक सांख्यिकी को राजस्थान सरकार ने राज्य पशुगणना अधिकारी तथा जिला कलेक्टर को जिला पशुगणना अधिकारी घोषित किया हुआ है।
राजस्व मंडल राजस्थान अजमेर के राज्य पशुगणना अधिकारी एवं संयुक्त निदेशक सांख्यिकी के पास एक सहायक निदेशक सांख्यिकी तथा छह सांख्यिकी कार्मिक इस कार्य के लिए नियुक्त किए गए हैं। इस बार सॉफ्टवेयर के जरिए गणना के कारण दो स्टेट एडमिन बनाए गए हैं। इनमें से एक राजस्व मंडल स्तर पर तथा दूसरा पशुपालन निदेशालय जयपुर के स्तर पर तय किया गया है जो कि सूचनाओं की जांच करके भारत सरकार को तुरंत प्रस्तुत करेंगे।
उन्होंने बताया कि राजस्व मडल अजमेर ने इस बारे में आवश्यक आदेश व निर्देश भारत सरकार व राजस्थान सरकार के जिलेवार पशुपालन अधिकारियों को प्रेषित कर दिए हैं। समय पूर्व ही पशुगणना प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है। पशुगणना की नियमित मॉनिटरिंग के लिए राजस्व मंडल में नियंत्रण कक्ष खोल दिया है।
19वीं पशुगणना के आंकडे
19वीं पशुगणना में राजस्थान का पशुधन 5 करोड़ 77 लाख था। इसमें एक करोड़ 33 लाख गोंवश तथा 1 करोड़ 29 लाख भैंसवंश था। 90 लाख भेड व 2 करोड़ 17 लाख बकरी, 38 हजार घोड़े तथा 3 लाख 26 हजार ऊंट थे।