जयपुर। राज्य विधानसभा में राजस्थान अपार्टमेंट स्वामित्व विधेयक 2015 को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। इससे पहले स्वायत्त शासन एवं नगरीय विकास मंत्री श्रीचन्द कृपलानी ने विधेयक को सदन में प्रस्तुत किया।
उन्होंने विधयेक को सदन में लाने के कारणों एवं उद्देश्यों के बारे में बताते हुए कहा कि विधेयक के पारित होने से किसी भवन में अलग-अलग अपार्टमेंट और ऎसे अपार्टमेंट से अनुलग्न सामान्य क्षेत्रों और सुविधाओं में अविभक्त हित के स्वामित्व के लिये उपबंध करने में मददगार साबित होगा।
कृपलानी ने बताया कि राज्य के बड़े शहरों में आमजन की आवासीय आवश्यकताओं को पूर्ण करने के लिए बहुमंजिला ईमारतों का प्रचलन लगातार बढ़ रहा है। इसके मद्देनजर पूर्व में बहुमंजिला ईमारतों के अपार्टमेन्ट/फ्लैट में निवासरत व्यक्तियों के स्वामित्व सम्बन्धी अधिकारों की रक्षा करने के लिए विधानसभा द्वारा राजस्थान अपार्टमेन्ट ऑनरशिप बिल 2015 पारित किया गया था।
इस दौरान संसदीय कार्य मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने इस विधेयक के प्रावधानों के मुद्दे पर हस्तक्षेप करते हुए कहा कि इस बिल के प्रावधान ट्रांसफर ऑफ प्रोपर्टी एक्ट 1982 जो कि एक केन्द्रीय कानून है, इसलिए इस बिल पर राष्ट्रपति की स्वीकृति प्राप्त करने के लिए केन्द्र सरकार को प्रेषित किया गया।
केन्द्र सरकार द्वारा रियल एस्टेट रेगूलेशन एक्ट 2016 प्रभावी हो जाने के कारण इस बिल में कतिपय संशोधनों का परामर्श दिया गया। केन्द्र सरकार के परामर्श अनुसार राज्यपाल ने पुनर्विचार के लिए यह बिल इस सदन को लौटाया है और केन्द्र सरकार के परामर्श के अनुसार सभी आवश्यक संशोधन प्रस्तावित किए जा रहे है।