जयपुर। राजस्थान में आगामी सात दिसम्बर को होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी एवं प्रमुख विपक्ष कांग्रेस तथा अन्य दलों के सक्रिय होने से चुनावी माहौल जोर पकड़ने लगा है।
प्रदेश में इन दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों तथा अन्य राजनीतिक पार्टियों की बैठकों का दौर तेज हो गया है और चुनाव जीतने के लिए चर्चा एवं रणनीति बनाने का काम किया जा रहा हैं। इसके तहत भाजपा की फीडबैक बैठक रविवार को पाली जिले के रणकपुर में आयोजित की गई और उसमें बीकानेर संभाग की सीटों को लेकर चर्चा हो रही है।
बैठक में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, पार्टी के संगठन महामंत्री चन्द्रशेखर, केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया, वरिष्ठ नेता देवी सिंह भाटी तथा पार्टी सांसद, विधायक, पूर्व सांसद, पूर्व विधायक, प्रधान तथा पार्टी के विभिन्न विभागों के लोग चुनाव को लेकर रायशुमारी कर रहे हैं। इसी तरह जयपुर सहित अन्य जगहों पर भी बैठक कर चुनाव के लिए मंथन किया जाएगा।
बैठक में भाग लेने रणकपुर पहुंचे भाटी ने मीडिया से कहा कि जनता से संवाद, कार्यकर्ताओं से संवाद आदि हो चुका है और इस बैठक में चुनाव रणनीति पर बात होगी जिसमें जो निर्देश दिए जायेंगे उसे लेकर क्षेत्र में जाएंगे। उन्होंने दावा किया कि प्रदेश में पुन: भाजपा की सरकार आएगी और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे फिर मुख्यमंत्री बनेगी।
इसी तरह राजधानी जयपुर में भी कांग्रेस ने चुनाव रणनीति पर चर्चा के लिए चुनाव समिति की बैठक आयोजित की गई जिसमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तथा अन्य पार्टी नेताओं ने शिरकत की।
बैठक से पहले गहलोत ने मीडिया से कहा कि जनता अब सब समझ चुकी है और झूठ बोलकर बनाए गए माहौल का अब अंत हो गया है और अब माहौल कांग्रेस के पक्ष में बन रहा हैं। इस अवसर पर पायलट ने कहा कि जीतने और साफ छवि के उम्मीदवार को टिकट दिया जाएगा और कांगेस जनता के मुद्दों को लेकर जनता के बीच में जाएगी।
चुनाव रणनीति को लेकर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने भी माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य एवं केन्द्रीय समिति की ओर से जयपुर में राज्य कमेटी की बैठक आयोजित की। इसी तरह अन्य पार्टियां भी चुनावी रणनीति बनाने में लगी हुई हैं।
राजनीतक पार्टियों ने चुनाव में नामांकन करने की तारीख आगामी बारह नवंबर से शुरु होने से पहले अपने उम्मीदवारों की घोषणा करने के लिए मंथन शुरु कर दिया हैं। इसके लिए कांग्रेस ने हाल में जयपुर में बैठक कर विचार विमर्श किया और पहली सूची शीघ्र ही जारी करने तथा सभी उम्मीदवारों के नाम नामांकन शुरु होने से पहले जारी करने की बात कही गई।
इसी तरह भाजपा में उम्मीदवारों के चयन को लेकर मंथन किया जा रहा है। इसके अलावा अन्य दल भी इसी तरह की प्रक्रिया में लगे हुए हैं जिसमें आदमी आदमी पार्टी ने कुछ उम्मीदवारों के नाम भी जारी किए हैं।
प्रदेश में इस बार भी भाजपा और कांग्रेस के बीच मुख्य मुकाबला होने की संभावना हैं और दोनों ही दलों में आरोप एवं प्रत्यारोप का दौर परवान चढा हुआ हैं। चुनाव के मद्देनजर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने गत चार अगस्त से राजस्थान गौरव यात्रा निकाली और इसमें राज्य सरकार की उपलब्धियां गिनाकर लोगों को आकर्षित करने की कोशिश की।
यात्रा का समापन भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कराया। इसके अलावा केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर सहित भाजपा के कई वरिष्ठ नेता जयपुर तथा अन्य जगहों पर बैठकें कर कार्यकर्ताओं को चुनाव में जीत का मंत्र दे रहे हैं।
इसी तरह कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट के नेतृत्व में संकल्प यात्रा निकाली और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को बुलाकर चुनाव में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश की। कांग्रेस इन चुनाव में भ्रष्टाचार के मुद्दे को प्रमुखता से उठा रही है और केन्द्र सरकार पर लड़ाकू विमान राफेल के सौदे के मुद्दे को लेकर भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर जनता का ध्यान अपनी और खींच रही हैं।
इसके अलावा राज्य में भाजपा छोड़कर नई पार्टी बनाने वाले वरिष्ठ नेता घनश्याम तिवाड़ी, तीसरे मोर्चे के गठन का प्रयास कर रहे एवं आगामी 29 अक्टूबर को जयपुर में हुंकार रैली अपनी नई पाटी का ऐलान करने वाले निर्दलीय विधायक हनुमान बेनीवाल, राष्ट्रीय लोकदल, बहुजन समाज पार्टी, आप आदि भी चुनाव को लेकर सक्रिय हैं और वे भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों को इस चुनाव में हराने की बात कर रहे हैं।