जयपुर। राजस्थान में सात दिसम्बर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी और प्रमुख विपक्ष कांग्रेस की अधिकांश सीटों के लिए अपने प्रत्याशियों की घोषणा के बाद दोनों दलों में बगावती तेवर थमने का नाम नहीं ले रहा हैं। बगावत के चलते प्रत्याशियों के लिए मुसीबत बढती जा रही है।
सीमांत बाड़मेर जिले के चौहटन विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक तरुण राय कागा ने टिकट नहीं मिलने के कारण आज पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने तक की बात कही हैं। उल्लेखनीय है कि भाजपा ने इस बार उनका टिकट काटकर चौहटन से आदूराम मेघवाल को अपना प्रत्याशी बनाया हैं।
चुनाव के लिए नामांकन पत्र भरने के लिए अब दो दिन शेष हैं और अभी दोनों प्रमुख दलों में टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर नेता जहां अपनी पार्टी छोड़कर दूसरे दल में शामिल हो गए हैं वहीं कई नेता बागी बनकर निर्दलीय उम्मीदवार बनकर चुनाव में ताल ठोकने लगे हैं।
देवस्थान विभाग मंत्री राजकुमार रिणवा रतनगढ़ से टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं। पंचायत राज राज्य मंत्री धनसिंह रावत टिकट कट जाने के बाद बागी बन गए हैं।
इसी तरह डूंगरपूर में विधायक देवेन्द्र कटारा, दौसा से नंदलाल बंशीलवाल, सीकर में डॉ कमल सिखवाल, लूणकरणसर में प्रभुदयाल सारस्वत, नाथद्वारा में संगीता चौहान, सादुलशहर में बृजमोहन सहारण तथा कुछ अन्य जगहों पर टिकट नहीं मिलने पर पार्टी नेता और उसके सर्मथक नाराज हैं और घोषित प्रत्याशी का विरोध करने लगे हैं।
बानसूर से महेन्द्र यादव को टिकट नहीं मिलने पर उसके समर्थकों ने प्रदर्शन किया वहीं जयपुर भाजपा देहात अध्यक्ष डीडी कुमावत ने फुलेरा से टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय लड़ने की घोषणा की हैं।
भाजपा में टिकट नहीं मिलने के कारण नागौर विधायक हबीबुर्रहमान ने पार्टी छोड़कर फिर से कांग्रेस में जाकर टिकट पाने में सफल हो गए वहीं जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भूजल मंत्री सुरेन्द्र गोयल पार्टी छोड़कर निर्दलीय लड़ने का ऐलान कर चुके हैं। इसके अलावा किशनगढ़ विधायक भागीरथ चौधरी तथा कुछ अन्य विधायक भी टिकट नहीं मिलने के कारण नाराज दिखाई दे रहे हैं।
कांग्रेस में भी पहली सूची जारी होते ही बागी तेवर शुरु हो गए और पूर्व मंत्री रामकिशोर सैनी टिकट नहीं मिलने पर नाराज होकर भाजपा में शामिल हो गए वहीं जयपुर में किशनपोल विधानसभा क्षेत्र से टिकट नहीं मिलने पर नाराज पूर्व महापौर ज्योति खंडेलवाल ने अपने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। इसी तरह विद्याधरनगर से टिकट नहीं मिलने पर कांग्रेस के उम्मीदवार रहे विक्रम सिंह शेखावत ने भी बागी तेवर दिखाना शुरु कर दिया और निर्दलीय चुनाव लड़ने की बात की जाने लगी हैं।
कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष बीडी कल्ला भी टिकट कटने पर नाराज दिखे और उसके सर्मथकों ने बीकानेर में विरोध प्रदर्शन किया। इसी तरह कोटा दक्षिण में शिवकांत नंदवाना, रतनगढ़ में पूसाराम गोदारा, सिरोही में संयम लोढ़ा, बीकानेर पूर्व में गोपाल गहलोत, अजमेर दक्षिण में राकेश सिवासिया, मसूदा में ब्रह्म देव कुमावत, नीमकाथाना में रमेश खंडेलवाल तथा तारानगर में सीएस वैद ने टिकट नहीं मिलने पर नाराज दिखाई दे रहे हैं।
इसके अलावा ओंसिया से महेन्द्र सिंह भाटी ने भी बागी तेवर अपनाते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी हैं। धौलपुर में सीपी शर्मा तथा शाहपुरा में दो बार चुनाव हारने वाले अशोक बेनीवाल को टिकट नहीं मिलने पर नाराज हो गए हैं। उदयपुर के मावली से टिकट नहीं मिलने पर पुष्कर डांगी भी नाराज हैं।
उधर दोनों प्रमुख दलों के नेता पार्टी में विरोध करने वाले नेताओं को मनाने एवं समझाने में लगे हैं और भाजपा नेताओं का कहना है कि उनकी पार्टी में कोई कार्यकर्ता बागी होकर चुनाव नहीं लड़ेगा तथा समझाबुझाकर सब ठीक हो जाएगा।